चीन का डब्ल्यूएचओ के प्रति समर्थन: ट्रंप के फैसले के बाद नई पहल
“चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रति अपना मजबूत समर्थन व्यक्त किया है। यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डब्ल्यूएचओ से अमेरिका को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद आई है।“
ट्रंप का डब्ल्यूएचओ से अलग होने का निर्णय
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से अलग करने की प्रक्रिया शुरू की गई। ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर कोविड-19 संकट से ठीक से न निपटने और सुधारों को लागू करने में असफल रहने का आरोप लगाया। यह दूसरी बार है जब अमेरिका ने पांच साल के भीतर एक वैश्विक निकाय से अलग होने का आदेश दिया है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, “चीन अपने कर्तव्यों को पूरा करने में डब्ल्यूएचओ का समर्थन करता रहेगा। वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में डब्ल्यूएचओ की केंद्रीय भूमिका को मजबूत किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग को गहरा करने और वैश्विक स्वास्थ्य प्रशासन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमेरिका के इस कदम पर खेद व्यक्त किया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, “डब्ल्यूएचओ बीमारी के प्रकोप का पता लगाकर, उसे रोककर और प्रतिक्रिया देकर दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।” उन्होंने अमेरिकी सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।
ट्रंप के फैसले का असर
ट्रंप का डब्ल्यूएचओ से अलग होने का निर्णय वैश्विक स्वास्थ्य प्रशासन में सहयोग के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। इस फैसले का प्रभाव न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया के अन्य देशों पर भी पड़ेगा।