मई 2025 में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर हुआ सस्ता, जानिए नए रेट
“देशभर में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 2025 में एक बार फिर राहत मिली है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने मई की शुरुआत में ही 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। इससे पहले अप्रैल में भी दामों में कमी की गई थी, और यह लगातार दूसरा महीना है जब कारोबारियों और रेस्तरां मालिकों को राहत मिली है।“
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कितनी कटौती की गई?
मई 2025 में 14.50 से 17 रुपये तक की कमी
मई 2025 में OMCs द्वारा किए गए रेट रिवीजन के अनुसार, 19 किलोग्राम के कमर्शियल सिलेंडर पर 14.50 से 17 रुपये तक की कटौती की गई है। इसका सीधा लाभ उन व्यवसायों को होगा जो होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय या अन्य वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए एलपीजी सिलेंडर का उपयोग करते हैं।
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में नए रेट
दिल्ली में नया रेट: ₹1,747.50 प्रति सिलेंडर
- दिल्ली: पहले ₹1,762 था, अब ₹1,747.50
- कोलकाता: ₹1,868.50 से घटकर ₹1,851.50
- मुंबई: ₹1,713.50 से घटकर ₹1,699
- चेन्नई: ₹1,921.50 से घटकर ₹1,906
इस कटौती से न केवल व्यापारियों को राहत मिली है, बल्कि उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली सेवाएं भी सस्ती होने की उम्मीद की जा सकती है।
पिछले दो महीनों में कुल ₹55.50 की राहत
मार्च से मई तक लगातार कीमतों में गिरावट
मार्च 2025 में 19 किलो का कमर्शियल सिलेंडर दिल्ली में ₹1,803 का था। अप्रैल में यह ₹1,762 हो गया और मई में ₹1,747.50। यानी पिछले दो महीनों में कुल ₹55.50 की गिरावट देखी गई है।
यह रुझान दर्शाता है कि वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिति और सरकार की नीतियों के चलते उपभोक्ताओं को राहत दी जा रही है।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं
14.2 किलो घरेलू सिलेंडर के भाव स्थिर
हालांकि, इस बार सिर्फ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 2025 में ही कटौती की गई है। घरेलू उपयोग में आने वाले 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे घरेलू उपभोक्ताओं को थोड़ी निराशा हो सकती है, लेकिन सरकार फिलहाल इसे यथावत बनाए रखने के पक्ष में दिख रही है।
कीमत में कटौती के क्या कारण हो सकते हैं?
अंतरराष्ट्रीय बाजार और डॉलर की स्थिति प्रभावी
सिलेंडर की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे कि:
- क्रूड ऑयल के अंतरराष्ट्रीय दाम
- डॉलर-रुपया विनिमय दर
- सरकारी टैक्स और सब्सिडी नीति
- डिमांड-सप्लाई अंतर
मई में जो कटौती की गई है, वह इन कारकों में संतुलन के कारण संभव हो पाई है।
कमर्शियल उपयोगकर्ताओं को किस तरह होगा लाभ?
बिजनेस सेक्टर को मिलेगा राहत का फायदा
इस फैसले से विशेष रूप से:
- होटल और रेस्टोरेंट मालिक
- केटरिंग सर्विस प्रोवाइडर
- सड़क किनारे ढाबे और भोजनालय
- स्मॉल इंडस्ट्रियल यूनिट्स
को लागत कम होने का सीधा लाभ मिलेगा। इससे आम जनता को मिलने वाली सेवाओं की कीमतों में भी स्थिरता बनी रह सकती है।
सरकार और कंपनियों की क्या रणनीति है?
लक्ष्य है संतुलित मूल्य निर्धारण
सरकार और ऑयल कंपनियां मूल्य निर्धारण करते समय कई पहलुओं का विश्लेषण करती हैं। उनकी कोशिश रहती है कि:
- उपभोक्ताओं पर बोझ ना बढ़े
- वाणिज्यिक क्षेत्र की क्रय शक्ति बनी रहे
- एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन चैन सुचारू रहे
यह रणनीति ही देश के ऊर्जा क्षेत्र को संतुलन में रखती है।