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दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई: 38 गिरफ्तार, 700 से अधिक वापस भेजे गए

देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। पुलिस की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत 38 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।

यह अभियान दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट इकाई द्वारा चलाया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से छापेमारी कर इन घुसपैठियों को पकड़ा गया। यह कार्रवाई भारत सरकार की “पुश-बैक” रणनीति का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत देश में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा जा रहा है।

खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इन गिरफ्तारियों के पीछे विस्तृत खुफिया जानकारी थी। इन घुसपैठियों को दिल्ली में विभिन्न स्थानों से पकड़ा गया, जिनमें औद्योगिक इलाकों और घनी आबादी वाले क्षेत्र शामिल थे।

गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों के पास किसी प्रकार के वैध दस्तावेज नहीं थे। इससे यह साफ हो गया कि वे भारत में अवैध रूप से दाखिल हुए थे।

बिहार और हरियाणा से होते हुए दिल्ली पहुंचे घुसपैठिए

पुलिस जांच में यह सामने आया कि ये सभी लोग बिहार के रास्ते भारत में दाखिल हुए और बाद में हरियाणा के नूंह जिले में कुछ समय तक रहे। वहां उन्होंने मजदूरी और फैक्ट्री में काम किया और फिर दिल्ली आकर वहीं बस गए।

दिल्ली में भी ये लोग अलग-अलग फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे। इनके निवास स्थानों की पहचान और गतिविधियों की जांच की जा रही है।

महिलाएं और बच्चे भी गिरफ्त में

दिल्ली पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए 38 घुसपैठियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह दर्शाता है कि घुसपैठ केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पारिवारिक स्तर पर हो रही है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।

700 से अधिक घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया

भारत सरकार द्वारा लागू की गई “पुश-बैक” नीति के तहत दिल्ली से पिछले छह महीनों में लगभग 700 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा गया है।

यह कदम विशेषकर हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तेजी से उठाया गया। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अवैध प्रवासियों के माध्यम से आतंकवादी नेटवर्क भी सक्रिय हो सकते हैं।

सीमा सुरक्षा बल के आंकड़े क्या कहते हैं?

बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली अवैध प्रवासियों के निर्वासन के मामलों में सबसे आगे है। देश के कई अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में भी अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई की जा रही है।

हर राज्य में पकड़े गए घुसपैठियों को पहले हिरासत में लिया जा रहा है और फिर कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्हें बांग्लादेश वापस भेजा जा रहा है।

बांग्लादेशी घुसपैठिए दिल्ली की सुरक्षा पर सवाल

दिल्ली जैसे संवेदनशील और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस तरह से अवैध घुसपैठ होना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।

इन घुसपैठियों की मदद से न केवल आपराधिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं बल्कि यह सामाजिक संतुलन को भी प्रभावित कर सकते हैं।

दिल्ली पुलिस का बयान

दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा। उनका कहना है कि दिल्ली की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “हमारा फोकस है कि अवैध रूप से रह रहे किसी भी व्यक्ति की पहचान कर उन्हें निष्कासित किया जाए। राजधानी की सुरक्षा सर्वोपरि है।”

सरकार की “पुश-बैक” रणनीति क्या है?

भारत सरकार की “पुश-बैक नीति” के तहत देश में घुसपैठ कर रह रहे नागरिकों को उनके मूल देश वापस भेजा जा रहा है।

इस प्रक्रिया में गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय बनाकर कार्रवाई की जा रही है।

वर्तमान चुनौतियां और समाधान

चुनौतियां:

  • वैध दस्तावेजों की गैर-मौजूदगी
  • फर्जी पहचान पत्र बनवाना
  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में छिपना
  • श्रमिकों की तरह पहचान छिपाकर रहना

समाधान:

  • आधार कार्ड और राशन कार्ड की सख्त जांच
  • स्थानीय नागरिकों को सतर्क किया जाना
  • फर्जी दस्तावेजों पर सख्त कार्रवाई
  • रेगुलर वेरिफिकेशन अभियान

बांग्लादेशी घुसपैठिए दिल्ली में एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बनकर उभर रहे हैं। दिल्ली पुलिस की सक्रियता और केंद्र सरकार की पुश-बैक नीति के चलते अब इस दिशा में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि यह प्रक्रिया कठिन और लंबी है, लेकिन यदि सुरक्षा एजेंसियां इसी प्रकार सतर्क रहें, तो इस चुनौती को नियंत्रित किया जा सकता है।

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