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दिल्ली शराब नीति पर कैग रिपोर्ट: सरकार को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान

दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब नीति से जुड़ी कैग रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाई गई नई शराब नीति में कई अनियमितताएं पाई गईं, जिससे दिल्ली सरकार को 2002.68 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

इस खुलासे के बाद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत कई नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

कैसे हुआ 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान?

कैग रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को हुए घाटे का पूरा विवरण दिया गया है:

  1. गैर-अनुपालन क्षेत्रों में शराब की दुकानें न खोलने से941.53 करोड़ रुपये का नुकसान।
  2. त्यागे गए लाइसेंसों की दोबारा नीलामी न करने से890 करोड़ रुपये की हानि।
  3. जोनल लाइसेंसधारियों को 144 करोड़ रुपये की छूट – जबकि आबकारी विभाग ने इसका विरोध किया था।
  4. सुरक्षा जमा सही से न लेने के कारण27 करोड़ रुपये का नुकसान।

लाइसेंसिंग नियमों का उल्लंघन

कैग रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियमों का पालन नहीं किया गया।

  • जिन थोक विक्रेताओं के पास खुदरा और निर्माण में भी हिस्सेदारी थी, उन्हें लाइसेंस दिए गए।
  • शराब आपूर्ति का नियंत्रण कुछ कारोबारियों के हाथों में चला गया, जिससे बाजार में मोनोपॉली बन गई।

थोक विक्रेताओं को दिया गया अनुचित लाभ

  • थोक विक्रेताओं का मुनाफा 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया, यह कहकर कि क्वालिटी कंट्रोल लैब बनाई जाएंगी, लेकिन कोई सरकारी लैब स्थापित नहीं की गई
  • इस निर्णय से थोक विक्रेताओं को सीधा लाभ हुआ और सरकार को भारी राजस्व हानि हुई

आम आदमी पार्टी के नेताओं की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद, CBI और ED की जांच और तेज हो सकती है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं और तिहाड़ जेल में महीनों बिता चुके हैं

दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और कई अन्य आप नेताओं के खिलाफ जांच जारी है

कैग रिपोर्ट के खुलासे के बाद दिल्ली शराब नीति विवाद एक बार फिर गरमाता नजर आ रहा है। इसमें हुए भारी वित्तीय नुकसान और अनियमितताओं को लेकर सरकार और जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और किन नेताओं पर इसकी आंच और तेज होती है

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