दिल्ली सरकार पहली बार भव्य रूप से मनाएगी हिंदू नव वर्ष, नवरात्र पर फलाहार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की होगी धूम
“नई दिल्ली: दिल्ली सरकार इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, यानी हिंदू नव वर्ष को पहली बार भव्य और ऐतिहासिक स्तर पर मनाने जा रही है। इस शुभ अवसर पर न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे बल्कि व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए फलाहार कार्यक्रम, दीपों की सजावट, और भक्ति संगीत की भी प्रस्तुति होगी। यह आयोजन 30 मार्च को दिल्ली विधानसभा भवन के लॉन में होगा।“
विधानसभा परिसर में होगा दीपोत्सव जैसा आयोजन
दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग की अगुवाई में होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता करेंगे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, और विशिष्ट अतिथि के रूप में कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा दिल्ली सरकार के कई मंत्री और विधायकगण भी इस आयोजन में शामिल होंगे।
कपिल मिश्रा ने बताया कि:
“यह पहली बार है जब दिल्ली सरकार हिंदू नव वर्ष को इतने भव्य और सांस्कृतिक रूप में मना रही है। विधानसभा भवन को दीपों से इस तरह सजाया जाएगा जैसे दीपावली पर किया जाता है।”
कैलाश खेर और कैलासा बैंड की प्रस्तुति
इस उत्सव में भक्तिमय माहौल को और अधिक संगीतमय बनाने के लिए मशहूर गायक कैलाश खेर और उनका ‘कैलासा’ बैंड अपनी विशेष प्रस्तुति देंगे। कैलाश खेर की भक्ति और सूफी संगीत की शैली इस समारोह को और भी भावनात्मक और अद्भुत बना देगी।
नवरात्रि के श्रद्धालुओं के लिए फलाहार व्यवस्था
चूंकि यह आयोजन नवरात्रि के पहले दिन हो रहा है, इसलिए व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष फलाहार व्यवस्था की गई है। आगंतुक फलाहार कर नवरात्र व्रत का पालन कर सकेंगे।
यही नहीं, दिल्ली सरकार पहली बार नवरात्रि के विशेष दिनों – सप्तमी, अष्टमी और नवमी को भी अन्य स्थानों पर फलाहार कार्यक्रम आयोजित करेगी। इन आयोजनों में कन्या पूजन, भोजन वितरण, और देवी के नौ रूपों की पूजा-अर्चना भी की जाएगी। इस दौरान गरीब और जरूरतमंद बालिकाओं को भोजन और उपहार भी दिए जाएंगे।
दिल्ली सरकार मनाएगी राम नवमी, हनुमान जयंती और अम्बेडकर जयंती
दिल्ली सरकार सिर्फ हिंदू नव वर्ष तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आगामी राम नवमी, हनुमान जन्मोत्सव, और अम्बेडकर जयंती को भी भव्य रूप से मनाने की तैयारी कर रही है। यह पहल भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया एक सराहनीय कदम है।
कपिल मिश्रा ने आगे कहा:
“हमारा उद्देश्य है कि दिल्ली की जनता अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े। यह आयोजन एक नई परंपरा की शुरुआत है। दिल्ली की कला और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना हमारी प्राथमिकता है।”
दिल्ली का सांस्कृतिक चेहरा और सरकार की पहल
दिल्ली हमेशा से ही कला, संस्कृति और इतिहास का केंद्र रही है। मुग़ल स्थापत्य से लेकर आधुनिक थिएटर, शास्त्रीय संगीत से लेकर समकालीन नृत्य – दिल्ली में संस्कृति के कई रंग हैं। दिल्ली सरकार का यह कदम राजधानी की सांस्कृतिक धरोहर को और अधिक व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
वर्तमान बजट में भी कला एवं संस्कृति को विशेष महत्व दिया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में दिल्ली में ऐसे सांस्कृतिक महोत्सव और जन-जागरूकता अभियान और अधिक देखने को मिलेंगे।
नागरिकों से सहभागिता की अपील
सरकार ने सभी दिल्लीवासियों से इस सांस्कृतिक महोत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है। पहली बार हो रहे इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।
कपिल मिश्रा ने कहा:
“हम चाहते हैं कि दिल्ली की जनता इस आयोजन को केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संस्कृति उत्सव के रूप में देखे और इसमें पूरे परिवार के साथ हिस्सा ले।”
दिल्ली सरकार का यह कदम न केवल भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि एक सांस्कृतिक जागरण की शुरुआत भी है। पहली बार इतनी बड़ी स्तर पर मनाया जा रहा हिंदू नव वर्ष उत्सव, आने वाले वर्षों में राजधानी दिल्ली को सांस्कृतिक राजधानी बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है।
इस आयोजन से न केवल धार्मिक भावनाएं सशक्त होंगी, बल्कि सामाजिक समरसता और भाईचारे को भी बढ़ावा मिलेगा। यह भारत की एकता में विविधता को दर्शाने वाला एक सुंदर उदाहरण बन सकता है।