नई दिल्ली के अस्पतालों में घोटाले की पोल खोलती सीएजी रिपोर्ट: मरीजों को दी गईं नकली दवाएं
“दिल्ली के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं में घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। हाल ही में जारी भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, मरीजों को नकली दवाएं दी गईं और सरकारी धन का भारी दुरुपयोग किया गया।“
स्वास्थ्य मॉडल बना भ्रष्टाचार का अड्डा
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान कहा कि पिछली सरकार के दौरान स्वास्थ्य मॉडल के नाम पर केवल भ्रष्टाचार किया गया। अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है और जनता के पैसे को फर्जी मरीजों के नाम पर लूटा गया। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि स्वास्थ्य विभाग में नकली दवाओं का वितरण किया गया और जरूरतमंद मरीजों तक सही दवाएं नहीं पहुंचीं।
मोहल्ला क्लीनिक योजना पर गंभीर सवाल
सीएम गुप्ता ने पिछली सरकार की मोहल्ला क्लीनिक योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सिर्फ एक दिखावा था। उन्होंने कहा,
“इस योजना से जुड़ी हर चीज फर्जी थी, लेकिन एक चीज असली थी – जनता के पैसों की बर्बादी।”
कोरोना काल में भी हुई लूट
सीएजी रिपोर्ट में कोरोना महामारी के दौरान हुई गड़बड़ियों को भी उजागर किया गया है। रिपोर्ट में पाया गया कि 10 रुपये के मास्क को 150 रुपये में खरीदा गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। अस्पतालों में पीपीई किट, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जरूरी उपकरण बेतरतीब तरीके से खरीदे गए और फिर बिना उपयोग के पड़े रहे।
अस्पताल परियोजनाओं में भी अनियमितता
सीएम गुप्ता ने बताया कि पिछली सरकार ने 24 अस्पताल परियोजनाएं शुरू की थीं, लेकिन वे अब तक पूरी नहीं हो सकीं। कई परियोजनाओं की लागत दो गुना हो गई, लेकिन जनता को कोई लाभ नहीं मिला।
भ्रष्टाचारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार ने लोक लेखा समिति को तीन महीने के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है, जिससे इस घोटाले के हर पहलू की जांच हो सके।
दिल्ली के अस्पतालों में हुए इस घोटाले ने स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई उजागर कर दी है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताएं, नकली दवाओं का वितरण और सरकारी धन की हेराफेरी जैसी गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। अब देखना होगा कि वर्तमान सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ क्या सख्त कार्रवाई होती है।