धूप की कमी से बढ़ सकती है दिमागी टेंशन, जानें कैसे हार्मोन हमारे मूड को प्रभावित करते हैं
“हमारे शरीर के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए धूप का महत्व बहुत अधिक है। लेकिन सर्दियों में या ज्यादा देर तक घर के अंदर रहने से शरीर को पर्याप्त धूप नहीं मिलती, जिससे मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन शरीर को नींद के लिए तैयार करता है, लेकिन अधिक मेलाटोनिन का स्तर दिमागी तनाव को बढ़ा सकता है।”
मेलाटोनिन का प्रभाव: क्यों जरूरी है इसका सही स्तर?
मेलाटोनिन एक हॉर्मोन है जो हमारे शरीर की स्लीप साइकिल को नियंत्रित करता है। धूप नहीं मिलने पर मेलाटोनिन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे लोग ज्यादा सुस्त और थके हुए महसूस कर सकते हैं।
इसके साथ ही, मेलाटोनिन का ज्यादा स्तर मानसिक तनाव और मूड स्विंग्स का कारण भी बन सकता है।
धूप से कम होते हैं दिमागी तनाव के संकेत
धूप में समय बिताने से हमारे शरीर में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन हमारे मूड को सकारात्मक बनाए रखने में मदद करते हैं।
- सेरोटोनिन: यह हार्मोन खुशी और शांति का अनुभव कराता है।
- डोपामिन: यह हार्मोन हमें प्रेरित करता है और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
अगर धूप नहीं मिलती है तो इन हार्मोन्स का स्तर घट सकता है, जिससे व्यक्ति चिड़चिड़ापन और उदासी महसूस कर सकता है।
धूप न मिलने से हो सकते हैं ये दुष्प्रभाव
- थकान और सुस्ती
- मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन
- तनाव और चिंता
- नींद की समस्या
धूप से होने वाले फायदों को कैसे पाएं?
- सुबह की धूप लें: रोजाना सुबह के समय 20-30 मिनट धूप में बैठें।
- विटामिन डी सप्लीमेंट्स लें: अगर पर्याप्त धूप नहीं मिल रही है तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी लें।
- खुली हवा में समय बिताएं: घर के अंदर ज्यादा समय न बिताएं।
- सक्रिय रहें: हल्की एक्सरसाइज और वॉक करें।