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महाकुंभ 2025 में डिजिटल पेमेंट बना श्रद्धालुओं और दुकानदारों की पसंद

महाकुंभ 2025 में डिजिटल पेमेंट ने व्यापारियों और श्रद्धालुओं की राह आसान बना दी है। छोटे दुकानदार, चाय विक्रेता, खाने-पीने की दुकानें और अन्य व्यापारी अब क्यूआर कोड और मोबाइल नंबर के जरिए भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। यह बदलाव दर्शाता है कि कैशलेस लेन-देन अब ग्रामीण और छोटे व्यापारियों के लिए भी आम हो चुका है।

हर दुकान के बाहर क्यूआर कोड या डिजिटल पेमेंट मशीन लगी हुई है।
मोबाइल नंबर के जरिए भी व्यापारी डिजिटल भुगतान ले रहे हैं।
श्रद्धालुओं और दुकानदारों दोनों के लिए यह सुरक्षित और सुविधाजनक बन गया है।

डिजिटल पेमेंट ने कैसे बदली तस्वीर?

डिजिटल लेन-देन से व्यापारियों को नगद पैसे रखने की जरूरत नहीं रही, जिससे चोरी का डर खत्म हुआ।
खुले पैसे की समस्या से मुक्ति मिली, जिससे लेन-देन आसान हो गया।
श्रद्धालु भी कैश साथ रखने की झंझट से बच गए और जेब कटने का डर खत्म हो गया।

महाकुंभ क्षेत्र में चाय बेचने वाली एक महिला ने बताया कि डिजिटल पेमेंट से उनके व्यापार में आसानी हो गई है। उन्होंने कहा,
“अब न तो खुले पैसे की परेशानी है और न ही चोरी का डर। ग्राहक आसानी से स्कैन करके पेमेंट कर देते हैं।”

श्रद्धालु भी डिजिटल सुविधा से खुश

महाकुंभ में आए श्रद्धालु डिजिटल पेमेंट के बढ़ते उपयोग को देखकर खुश हैं।
🔹 सतीश शुक्ला नामक श्रद्धालु ने बताया कि अब उन्हें पैसे जेब में रखने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे जेब कटने का खतरा नहीं रहता।
🔹 एक अन्य श्रद्धालु, अमन शर्मा ने कहा कि डिजिटल पेमेंट भारत के विकास में बड़ी भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा:
“डिजिटल भुगतान से हर जगह आसानी हो गई है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में भी यह सुविधा बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।”

दुकानदारों के लिए कारोबार हुआ सुगम

महाकुंभ में छोले-भटूरे की दुकान चलाने वाले रघुनाथ शर्मा ने कहा कि डिजिटल पेमेंट से अब पैसों का हिसाब रखना आसान हो गया है।
पहले ग्राहकों को खुले पैसे लौटाने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब ग्राहक खुद ही डिजिटल माध्यम से भुगतान कर देते हैं।
इससे उनका व्यापार पहले से अधिक सुव्यवस्थित हो गया है।

व्यापारियों का मानना है कि डिजिटल पेमेंट से न सिर्फ उनकी कमाई बढ़ी है, बल्कि उनकी मेहनत भी कम हुई है।

डिजिटल इंडिया की ओर एक और कदम

डिजिटल पेमेंट को अपनाने में अब शहरों के अलावा ग्रामीण और धार्मिक आयोजन भी पीछे नहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन का असर अब बड़े आयोजनों तक पहुंच गया है।
महाकुंभ में डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग ने भारत में कैशलेस अर्थव्यवस्था के भविष्य को और मजबूत किया है।

महाकुंभ 2025 में डिजिटल पेमेंट एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो रहा है, जो श्रद्धालुओं और व्यापारियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है।

महाकुंभ 2025 में डिजिटल पेमेंट ने व्यापार और श्रद्धालुओं दोनों की सुविधा को बढ़ाया है।
अब छोटे दुकानदार भी डिजिटल भुगतान स्वीकार कर रहे हैं, जिससे नगद लेन-देन की परेशानी खत्म हो गई है।
यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूत करता है और भविष्य में डिजिटल लेन-देन की ओर भारत की प्रगति को दर्शाता है।

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