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भारत यात्रा पर दुबई के क्राउन प्रिंस: भारत-यूएई रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा नया विस्तार

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को दुबई के क्राउन प्रिंस और यूएई के डिप्टी पीएम व रक्षा मंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद अल मकतूम का नई दिल्ली में स्वागत किया। यह उनकी भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है, जो 8 से 9 अप्रैल 2025 तक चलेगी।

क्राउन प्रिंस की यात्रा का उद्देश्य और महत्व

भारत-यूएई रणनीतिक रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाना

यह यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को गहराई देने के लिए काफी अहम मानी जा रही है।
इसमें दोनों देशों के नेताओं के बीच उच्च स्तरीय वार्ताएं, व्यापारिक बैठकें और साझेदारी के नए प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने जताई सकारात्मक भावना

डॉ. जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा पर वह बेहद प्रसन्न हैं और भारत-यूएई के बीच मजबूत सहयोग और जीवंत संबंधों को लेकर उनके विचारों की सराहना करते हैं।

भारत आगमन पर हुआ औपचारिक स्वागत

शेख हमदान के भारत आगमन पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने उनकी अगवानी की। यह स्वागत समारोह भारत की ओर से उनकी यात्रा के महत्व को दर्शाता है।

दुबई के क्राउन प्रिंस के साथ प्रतिनिधिमंडल भी शामिल

प्रमुख मंत्री और कारोबारी नेता साथ में

क्राउन प्रिंस के साथ यूएई के कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और शीर्ष कारोबारी नेता भी आए हैं।
यह भारत और यूएई के बीच रणनीतिक साझेदारी के विस्तार की गंभीरता को दर्शाता है।

मुंबई में होगी व्यापार गोलमेज बैठक

दिल्ली में बैठकों के बाद क्राउन प्रिंस मुंबई रवाना होंगे, जहां वे भारतीय और अमीराती व्यापारिक नेताओं के साथ व्यापार गोलमेज बैठक में भाग लेंगे।

कई क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर चर्चा

इस बैठक में बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, फिनटेक, नवाचार और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश के नए अवसरों की तलाश की जाएगी।
इससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होने की उम्मीद है।

दुबई का भारत-यूएई संबंधों में ऐतिहासिक योगदान

दुबई लंबे समय से भारत और यूएई के बीच वाणिज्य और सांस्कृतिक संबंधों का केंद्र रहा है।
आज लगभग 4.3 मिलियन भारतीय प्रवासी यूएई में रहते हैं, जिनमें से अधिकांश दुबई में हैं। यह समुदाय दोनों देशों को आपस में जोड़ने की मजबूत कड़ी है।

यात्रा के परिणामस्वरूप बढ़ेगी रणनीतिक साझेदारी

संस्थागत और नीतिगत सहयोग होगा और मजबूत

इस यात्रा से भारत-यूएई की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई गति मिलने की संभावना है।
दोनों देश व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में संयुक्त कार्य करेंगे।

भारत-यूएई संबंधों का संक्षिप्त इतिहास

भारत और यूएई के बीच राजनयिक संबंध 1972 में स्थापित हुए थे।
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई यात्रा के बाद से इन रिश्तों में तेजी से गहराई आई है।

व्यापार और निवेश में निरंतर वृद्धि

यूएई आज भारत का एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है और यहां का निवेश भारत की कई परियोजनाओं में दिख रहा है।
सीईपीए (Comprehensive Economic Partnership Agreement) जैसे समझौते दोनों देशों के बीच व्यापार को नई दिशा दे रहे हैं।

आगे की राह: सहयोग की नई संभावनाएं

विज़न 2030 के तहत रणनीतिक तालमेल

भारत और यूएई दोनों ही अपनी अर्थव्यवस्थाओं को तकनीक, नवाचार और सतत विकास की ओर ले जा रहे हैं।
इसलिए शेख हमदान की यह यात्रा दोनों देशों के विज़न 2030 को समर्थन देने वाली साबित हो सकती है।

प्रवासी भारतीयों के लिए नई उम्मीदें

यह यात्रा यूएई में बसे भारतीय समुदाय के लिए भी एक सकारात्मक संदेश है।
इससे उनकी सुरक्षा, रोजगार और सामाजिक अधिकारों को लेकर और नीतियां विकसित की जा सकती हैं।

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