एक देश, एक चुनाव’ विधेयक जेपीसी को सौंपा गया, लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
“एक देश, एक चुनाव’ को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए विधेयक को अब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया है। इस बीच, लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। यह विधेयक देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के विचार पर आधारित है।”
विधेयक की अहमियत
‘एक देश, एक चुनाव’ का मुख्य उद्देश्य बार-बार होने वाले चुनावों की प्रक्रिया को सरल बनाना है। इससे वित्तीय खर्च में कटौती होगी और प्रशासनिक कार्यों में रुकावटें कम होंगी।
जेपीसी को क्यों भेजा गया विधेयक?
विधेयक को अधिक गहराई से समझने और सभी पक्षों की राय को शामिल करने के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है। समिति इस पर विस्तृत चर्चा करेगी और अपनी सिफारिशें पेश करेगी।
लोकसभा कार्यवाही स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। सत्र के दौरान ‘एक देश, एक चुनाव’ समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और विधेयक को आगे बढ़ाया गया।
सत्ता पक्ष का बयान
सत्ताधारी दल का मानना है कि यह विधेयक देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करेगा। उनका कहना है कि, “बार-बार चुनाव कराने से देश में विकास कार्य बाधित होते हैं। एक साथ चुनाव होने से समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक पर कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इसे लागू करने से संविधान और संघीय ढांचे पर असर पड़ सकता है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की मांग की है।
क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’?
‘एक देश, एक चुनाव’ का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं। इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया आसान होगी बल्कि सरकारी कामकाज पर चुनावों का असर भी कम होगा।
मुख्य बिंदु:
- विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया।
- लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित।
- सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर अलग-अलग राय।