विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर शुरू हुआ ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान: पर्यावरण संरक्षण की ओर बड़ा कदम
“विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर देशभर में पर्यावरण जागरूकता को नया आयाम देते हुए ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान की शुरुआत की गई है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन लाइफ (LiFE) यानी “Lifestyle for Environment” के विजन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है।“
अभियान का मकसद सिर्फ वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिकों को प्रकृति के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश भी है।
अभियान का उद्देश्य: 10 करोड़ पेड़ लगाना
इस वर्ष ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ के तहत 5 जून से 30 सितंबर 2025 तक 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद भी दिलाता है।
इस अभियान के जरिए हर नागरिक से आग्रह किया गया है कि वे अपनी मां के सम्मान में एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान का व्यापक प्रभाव
‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को जोड़ने वाली एक सामूहिक भावना है।
- यह भावनात्मक पहल लोगों को प्रकृति से जोड़ती है।
- पेड़ लगाने की प्रक्रिया व्यक्तिगत स्मृतियों और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक बन जाती है।
- मातृत्व और पर्यावरण जैसे दो महान विचारों को एक साथ जोड़ने वाली यह एक अनूठी सोच है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अपील
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर देशवासियों, विशेषकर विद्यार्थियों से अनुरोध किया है कि वे इस अभियान से जुड़े और अधिकाधिक पेड़ लगाएं। उन्होंने कहा कि:
“यह अभियान सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारी भावना और जिम्मेदारी का प्रतीक है। जब हम किसी पौधे को अपनी मां के नाम लगाते हैं, तो उसमें एक भावनात्मक जुड़ाव भी होता है जो हमें उसकी देखभाल के लिए प्रेरित करता है।”
मिशन लाइफ (LiFE) के तहत यह एक अहम पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया मिशन लाइफ – एक ऐसा अभियान है जो पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को अपनाने को प्रोत्साहित करता है।
‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ उसी मिशन की एक भागीदारी है, जिसका उद्देश्य है व्यक्तिगत स्तर पर छोटे लेकिन प्रभावशाली कदमों के जरिए धरती को हरा-भरा बनाना।
5 जून से 30 सितंबर: वृक्षारोपण का संकल्प काल
इस अभियान की समय-सीमा 5 जून (विश्व पर्यावरण दिवस) से 30 सितंबर 2025 तक तय की गई है।
इस तीन महीने की अवधि में देशभर में सामूहिक रूप से लाखों लोग पेड़ लगाएंगे।
- स्कूलों में वृक्षारोपण कार्यक्रम
- पंचायत स्तर पर सामूहिक भागीदारी
- सामाजिक संगठनों द्वारा स्थानीय पहलें
यह सब मिलकर भारत को हरित राष्ट्र की दिशा में ले जाने में सहायक होगा।
पेड़ लगाना, देखभाल करना और कहानी साझा करना
धर्मेंद्र प्रधान ने नागरिकों से यह भी आग्रह किया कि वे सिर्फ पेड़ लगाकर न रुकें, बल्कि उसकी देखभाल करें, उसे बढ़ते देखें और उसकी कहानी साझा करें। यह प्रक्रिया न केवल पर्यावरणीय योगदान है, बल्कि एक व्यक्तिगत भावनात्मक यात्रा भी बन जाती है।
पर्यावरण और समाज पर सकारात्मक प्रभाव
‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के माध्यम से देश में कई प्रकार के सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:
- वातावरण की गुणवत्ता में सुधार: अधिक पेड़, अधिक ऑक्सीजन और कम प्रदूषण
- जैव विविधता को बढ़ावा: नई पौधों की विविधता से पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा
- जल संरक्षण में सहायक: पेड़ वर्षा को आकर्षित करते हैं और भूजल स्तर को बनाए रखते हैं
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना: कार्बन अवशोषण से ग्लोबल वार्मिंग पर असर
छात्रों की भागीदारी: शिक्षा और पर्यावरण का संगम
यह अभियान विद्यार्थियों के लिए सीखने और योगदान देने का एक शानदार मौका है।
- वे पेड़ लगाकर प्रकृति से जुड़ाव महसूस कर सकते हैं
- स्कूलों में पेड़पालन प्रतियोगिताएं और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं
- उनकी भागीदारी एक स्थायी सोच की नींव रख सकती है
इस अभियान से कैसे जुड़ें?
- अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाएं
- उसकी फोटो और जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करें
- #EkPedMaaKeNaam हैशटैग का प्रयोग करें
- आस-पास के लोगों को भी प्रेरित करें