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विश्व पर्यावरण दिवस पर नेताओं का संदेश: पर्यावरण संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बनाएं

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को पर्यावरण की रक्षा के लिए वैश्विक जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित किया गया है। 2024 के विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत के प्रमुख नेताओं—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा—ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

पीएम मोदी का संदेश: “जो प्रकृति की रक्षा करता है, प्रकृति उसकी रक्षा करती है”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक प्रेरणादायक संदेश साझा किया। उन्होंने कहा:

“इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, आइए हम अपने ग्रह की रक्षा करने और हमारे सामने आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अपने प्रयासों को और गहरा करें।”

प्रधानमंत्री ने उन व्यक्तियों की भी सराहना की जो जमीनी स्तर पर पर्यावरण को हरा-भरा बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। उनका मानना है कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना भारत की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का आह्वान: “हर कदम बना सकता है अंतर”

राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संदेश में कहा कि:

“पर्यावरण के लिए हर कदम एक अंतर पैदा करता है। हमारे सामूहिक प्रयासों से आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली भरी धरती तैयार हो सकती है।”

उन्होंने संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा देने की बात की।

अमित शाह: “सतत विकास के लक्ष्यों की ओर भारत अग्रसर”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस दिन की शुभकामनाएं देते हुए लिखा:

“पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अपने सतत विकास लक्ष्यों को उल्लेखनीय गति से प्राप्त कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि यह दिन हमें पर्यावरण के लिए किए गए प्रयासों को मजबूत करने का अवसर देता है।

राजनाथ सिंह: “प्रकृति की रक्षा राष्ट्रीय कर्तव्य है”

रक्षा मंत्री ने अपील की कि हम सभी को संधारणीय जीवनशैली को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा:

“प्रकृति की रक्षा करना न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि हमारे राष्ट्र और भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य भी है।”

जेपी नड्डा: “सरकार ने पर्यावरण क्षरण से निपटने के लिए सक्रिय पहल की”

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ‘एक्स’ पर लिखा:

“पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हमारी सरकार ने स्वच्छ भारत, प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना, नमामि गंगे, और एक पेड़ मां के नाम जैसी पहलों के ज़रिए पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।”

उन्होंने संधारणीय जीवन को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता को दोहराया।

क्यों जरूरी है पर्यावरण संरक्षण?

जलवायु परिवर्तन के खतरे

बढ़ता प्रदूषण, वनों की कटाई, और असंतुलित शहरीकरण ने दुनिया को जलवायु संकट के कगार पर खड़ा कर दिया है। तापमान में वृद्धि, जल स्रोतों का सूखना और जैव विविधता की हानि—ये सब इसके संकेत हैं।

सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता

नेताओं के संदेश इस बात पर बल देते हैं कि केवल सरकार नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वे अपने दैनिक जीवन में ऐसे कदम उठाएं जो प्रकृति के अनुकूल हों।

सरकार की पहलें जो पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करती हैं

1. स्वच्छ भारत अभियान

सफाई और स्वच्छता से पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का प्रयास।

2. नमामि गंगे योजना

गंगा नदी की सफाई और संरक्षण के लिए की गई एक प्रमुख योजना।

3. प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर कार्बन उत्सर्जन में कटौती करना।

4. एक पेड़ मां के नाम अभियान

प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने और भावनात्मक जुड़ाव बनाने की अनूठी पहल।

आम लोगों के लिए क्या संदेश?

  • प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें
  • जल और ऊर्जा की बर्बादी से बचें
  • ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं
  • स्थानीय और मौसमी उत्पादों का उपयोग करें
  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें

मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका

सोशल मीडिया पर नेताओं के संदेशों ने लोगों को प्रेरित किया है और अब यह जरूरी हो गया है कि इस प्रेरणा को व्यवहारिक क्रियान्वयन में बदला जाए। लोग #EnvironmentDay, #EkPedMaaKeNaam, और #GreenIndia जैसे हैशटैग्स का उपयोग कर अपने योगदान को साझा कर रहे हैं।

भारत के शीर्ष नेतृत्व द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर साझा किए गए संदेश यह दर्शाते हैं कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार का नहीं, हम सभी का कर्तव्य है। जब समाज, सरकार और व्यक्ति मिलकर कदम उठाते हैं, तभी हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

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