2025 तक गोल्ड की कीमतें पहुंच सकती हैं रिकॉर्ड ऊंचाई पर: गोल्डमैन सैश
“दुनिया भर के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। विदेशी निवेश बैंक गोल्डमैन सैश के अनुसार, यदि वैश्विक व्यापार युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, तो 2025 तक गोल्ड की कीमतें 4,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं। वर्तमान में यह कीमत करीब 3,247 डॉलर प्रति औंस है। यह वृद्धि लगभग 38 प्रतिशत की होगी।“
गोल्डमैन सैश ने तीसरी बार बढ़ाया गोल्ड प्राइस टारगेट
गोल्डमैन सैश ने 2025 के लिए सोने की कीमतों का टारगेट तीसरी बार बढ़ाया है। शुरुआत में उन्होंने इस स्तर को 3,300 डॉलर पर रखा था, जिसे अब बढ़ाकर 4,500 डॉलर कर दिया गया है। सामान्य आर्थिक स्थितियों में यह कीमत 3,700 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसका मुख्य कारण अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापार तनाव और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका है।
क्यों बढ़ रही है 2025 तक गोल्ड की कीमतें?
निवेशकों का झुकाव गोल्ड की ओर
वर्तमान में मंदी का खतरा, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव जैसी स्थितियों ने निवेशकों को सोने में निवेश के लिए आकर्षित किया है। सोना पारंपरिक रूप से एक सुरक्षित निवेश माना जाता है और अनिश्चितताओं के समय इसकी मांग बढ़ जाती है।
सप्ताहिक प्रदर्शन में 6.5% की बढ़त
बीते सप्ताह सोने के दाम में 6.5% की तेज बढ़त दर्ज की गई, जो कोविड-19 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी है। इसकी एक वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ भी है, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है।
व्यक्तिगत और संस्थागत निवेश बढ़ा
न केवल व्यक्तिगत निवेशक, बल्कि प्रमुख वित्तीय संस्थान और केंद्रीय बैंक भी अब गोल्ड की ओर रुख कर रहे हैं।
- ETFs (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) में भारी निवेश देखा गया है।
- केंद्रीय बैंक, खासकर उभरते बाजारों में, डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए गोल्ड खरीद रहे हैं।
- चीन, जो अब अंतरराष्ट्रीय कीमतों से भी अधिक भुगतान कर रहा है, वहां मांग में वृद्धि देखी गई है।
क्या हैं प्रमुख कारण?
- अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव
- वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका
- अमेरिकी डॉलर में कमजोरी
- केंद्रीय बैंकों की गोल्ड खरीदारी
- निवेशकों का रुझान सेफ हेवन एसेट की ओर
2025 में सोने की कीमतों पर क्या रहेगा असर?
पॉजिटिव ट्रिगर:
- महंगाई से बचाव का साधन
- वित्तीय अस्थिरता में सुरक्षित निवेश
- भू-राजनीतिक संकट
नेगेटिव ट्रिगर:
- डॉलर में मजबूती
- ब्याज दरों में बढ़ोतरी