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अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा जीएसटी संग्रह, 2.37 लाख करोड़ रुपये का राजस्व जुटा

अप्रैल 2025 में जीएसटी संग्रह ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। केंद्र सरकार के अनुसार, इस महीने कुल ₹2.37 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे अधिक है। यह पिछले साल अप्रैल 2024 के ₹2.10 लाख करोड़ की तुलना में 12.6% अधिक है।

अप्रैल 2025 में जीएसटी संग्रह में बड़ी वृद्धि: क्या हैं कारण?

1. घरेलू कारोबार से जीएसटी में तेज़ बढ़त

अप्रैल के दौरान देश के भीतर हुए लेनदेन से ₹1.9 लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह हुआ। यह पिछले साल की तुलना में 10.7% की बढ़त को दर्शाता है।

2. आयातित वस्तुओं से भी अधिक राजस्व

इस महीने आयातित वस्तुओं से 20.8% की वृद्धि के साथ ₹46,913 करोड़ का राजस्व मिला, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार की स्थिरता और बढ़ती मांग का संकेत देता है।

GST रिफंड में भी हुआ सुधार

रिफंड भुगतान में 48.3% की तेजी

अप्रैल 2025 में ₹27,341 करोड़ के रिफंड जारी किए गए, जो दर्शाता है कि सरकार टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर रही है।

इससे व्यापारियों को कार्यशील पूंजी में राहत मिलती है, जो उनकी व्यावसायिक गतिविधियों को स्थिर बनाए रखने में सहायक है।

मार्च और फरवरी से तुलना: जीएसटी संग्रह की निरंतर बढ़त

महीनाजीएसटी संग्रह (₹ लाख करोड़)वृद्धि (%)
फरवरी 20251.84
मार्च 20251.96+6.8%
अप्रैल 20252.37+20.9% (Feb से)

इस वृद्धि से स्पष्ट है कि देश में आर्थिक गतिविधियां मजबूत हैं और टैक्स अनुपालन में सुधार हुआ है।

मार्च 2025 में राज्यों का योगदान: शीर्ष 5 राज्य

महाराष्ट्र से सर्वाधिक जीएसटी संग्रह

  • महाराष्ट्र: ₹31,534 करोड़ (14% वृद्धि)
  • कर्नाटक: ₹13,497 करोड़ (4% वृद्धि)
  • गुजरात: ₹12,095 करोड़ (6% वृद्धि)
  • तमिलनाडु: ₹11,017 करोड़ (7% वृद्धि)
  • उत्तर प्रदेश: ₹9,956 करोड़ (10% वृद्धि)

इन आंकड़ों से यह साफ है कि भारत के औद्योगिक और व्यापारिक राज्य लगातार कर संग्रह में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

अप्रैल 2025 में जीएसटी संग्रह की प्रमुख विशेषताएं

1. आर्थिक विकास और टैक्स अनुपालन में सुधार

जीएसटी संग्रह में इस तरह की निरंतर बढ़त भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि टैक्सपेयर्स अब अधिक संगठित हो रहे हैं।

2. डिजिटल प्रणाली और डेटा एनालिटिक्स का असर

सरकार द्वारा लागू की गई ई-इनवॉइस प्रणाली, ई-वे बिल और GSTR मिलान प्रक्रिया ने टैक्स चोरी की संभावनाओं को काफी हद तक सीमित किया है।

GST राजस्व में वृद्धि के प्रभाव

राजकोषीय स्थिरता और राज्यों को सहायता

बढ़ता हुआ जीएसटी संग्रह केंद्र और राज्य दोनों के लिए राजस्व स्थिरता सुनिश्चित करता है। इससे बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, शिक्षा, और ग्रामीण विकास जैसी योजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होते हैं।

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