होली 2025: इटावा के बाजारों में दिखा स्वदेशी उत्पादों का जलवा
“उत्तर प्रदेश के विभिन्न बाजारों में होली की रौनक पूरी तरह से नजर आ रही है। इटावा के बाजार सज चुके हैं और इस बार ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का असर साफ दिख रहा है। जहां पिछले वर्षों में चीनी सामानों की भरमार थी, वहीं इस बार स्वदेशी उत्पादों की बिक्री में भारी वृद्धि हुई है।“
बच्चों और युवाओं में भारतीय पिचकारियों की बढ़ती लोकप्रियता
होली के मौके पर बच्चों और युवाओं के लिए पिचकारियां हमेशा आकर्षण का केंद्र रही हैं। पहले बाजारों में चीनी पिचकारियों की अधिकता हुआ करती थी, लेकिन अब भारतीय निर्मित पिचकारियों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
स्थानीय दुकानदार गोविंद वर्मा का कहना है,
“भारतीय पिचकारियां चाइनीज पिचकारियों से ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होती हैं, इसलिए ग्राहक इन्हें ज्यादा पसंद कर रहे हैं। पहले लोग सस्ती चीनी पिचकारियों को खरीदते थे, लेकिन अब वे स्वदेशी उत्पादों की ओर रुख कर रहे हैं।”
स्वदेशी पिचकारियों की खूबियाँ:
- मजबूत और टिकाऊ
- पर्यावरण के अनुकूल
- सस्ती और गुणवत्ता में बेहतर
होली में मुखौटों की जबरदस्त मांग
हर साल होली के त्योहार पर मुखौटों की मांग बनी रहती है, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखौटों की बिक्री ने सभी को चौंका दिया है।
मुखौटों की बिक्री में नया ट्रेंड:
- मोदी जी के मुखौटे की डिमांड सबसे अधिक।
- बॉलीवुड सितारों और अन्य राजनीतिक हस्तियों के मुखौटे भी उपलब्ध।
- बच्चों और युवाओं में खास लोकप्रियता।
दुकानदारों का क्या कहना है?
स्थानीय दुकानदारों का कहना है,
“हर साल बॉलीवुड और राजनीतिक हस्तियों के मुखौटे बाजार में आते हैं। लेकिन, इस बार मोदी मुखौटे की बिक्री सबसे ज्यादा हो रही है।”
इटावा के बाजारों में इस बार क्या नया?
- स्वदेशी उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी।
- स्थानीय उत्पादों को ग्राहक ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
- सस्ते और टिकाऊ सामान की मांग बढ़ी।
- होली की खरीदारी में ‘मेक इन इंडिया’ की छाप।
ग्राहकों की पसंद में बदलाव
होली के इस त्योहारी सीजन में ग्राहकों की पसंद भी बदली है। अब वे स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं और विदेशी सामानों से दूरी बना रहे हैं।
- स्थानीय कारोबारियों को लाभ हो रहा है।
- स्वदेशी उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ रही है।
- गुणवत्ता और टिकाऊपन को प्राथमिकता मिल रही है।
इटावा के बाजारों में इस बार होली की खरीदारी का माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है। लोग स्वदेशी उत्पादों को अधिक महत्व दे रहे हैं और भारतीय निर्मित पिचकारियां और मुखौटे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता और लोगों की मानसिकता में बदलाव का प्रमाण है।
स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती मांग से स्थानीय व्यापारियों को भी काफी फायदा हो रहा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।