भारत में हाउसिंग फाइनेंस मार्केट की तेजी: भविष्य की संभावनाएं और विकास”
“भारत का हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और आगामी वर्षों में इसमें और विस्तार देखने को मिल सकता है। केयरएज रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 33 लाख करोड़ रुपये के मूल्य वाला यह बाजार वित्त वर्ष 2025-2030 के बीच 15-16 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 77-81 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इस बढ़ते रुझान के पीछे कई संरचनात्मक और सरकारी प्रोत्साहन कार्यरत हैं, जो इस क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बना रहे हैं।“
आवासीय संपत्तियों का बाजार और इसकी वृद्धि
भारतीय हाउसिंग मार्केट में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। 2019 से 2024 के बीच इस क्षेत्र में 74 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह साबित होता है कि यह उद्योग तेजी से विस्तार कर रहा है। हालांकि, 2024 में इस ग्रोथ का स्तर सामान्य हुआ, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से इसमें आगे भी बढ़ोतरी की संभावना है।
बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की भागीदारी
वित्त वर्ष 2021-24 के दौरान, बैंकों ने हाउसिंग लोन स्पेस में 17 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की, जबकि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) में यह वृद्धि दर 12 प्रतिशत रही। वर्तमान में बैंकों की बाजार में 74.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि एचएफसी की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है।
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों का लोन पोर्टफोलियो
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में एचएफसी का लोन पोर्टफोलियो 13.2 प्रतिशत बढ़कर 9.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह आंकड़ा 12-14 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि दर के अनुरूप ही रहा। अगले दो वर्षों में इस सेक्टर में 12.7 प्रतिशत और 13.5 प्रतिशत की सालाना वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
30 लाख रुपये से कम के होम लोन का बढ़ता महत्व
भारतीय हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां मुख्य रूप से 30 लाख रुपये से कम के होम लोन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जो मध्यम और निम्न-आय वर्ग के ग्राहकों के लिए फायदेमंद है। इससे किफायती आवास योजनाओं को भी बढ़ावा मिल रहा है।
सरकारी नीतियों और प्रोत्साहनों की भूमिका
सरकार द्वारा हाउसिंग सेक्टर के लिए कई योजनाएं और प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी योजनाएं शामिल हैं। यह पहल मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों को किफायती आवास प्रदान करने में मदद कर रही है। इसके अलावा, ब्याज दरों में कटौती और बैंकों द्वारा आसानी से लोन उपलब्ध कराने से भी इस सेक्टर को मजबूती मिली है।
हाउसिंग फाइनेंस का भविष्य
हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में निरंतर वृद्धि और निवेश के अवसर मौजूद हैं। डिजिटल टेक्नोलॉजी, फिनटेक कंपनियों की भागीदारी और बैंकों की प्रतिस्पर्धा के कारण यह क्षेत्र और अधिक सुलभ और प्रभावी होता जा रहा है।
भारत में हाउसिंग फाइनेंस मार्केट अगले कुछ वर्षों में और अधिक विस्तार करेगा। इसमें सरकारी योजनाओं, बढ़ते शहरीकरण और डिजिटल इनोवेशन का अहम योगदान रहेगा। यदि यह वृद्धि दर बनी रहती है, तो 2030 तक भारत का हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर दुनिया के सबसे बड़े फाइनेंस मार्केट में से एक बन सकता है।