आईएमडी मौसम चेतावनी जून 2025: पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश, उत्तर-पश्चिम में आंधी और ओलावृष्टि की संभावना
“मौसम अलर्ट जून 2025 के तहत भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है। विशेषकर मेघालय में 4 जून को अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। इसके बाद वर्षा की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है।“
उत्तर-पश्चिम भारत में गरज के साथ वर्षा और तेज़ हवाएं
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश, तेज हवाएं (40-70 किमी/घंटा तक) और गरज-चमक का दौर जारी रह सकता है।
4 जून को हिमाचल प्रदेश में तेज़ हवाओं की रफ्तार 70 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
मौसम अलर्ट जून 2025 के अंतर्गत पूर्वी राज्यों में चेतावनी
आईएमडी ने बताया कि बिहार, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में 4 और 5 जून को गरज के साथ बारिश और तेज़ हवाएं चल सकती हैं। बिहार में हवाओं की गति 70 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है और कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है।
मध्य और पश्चिम भारत में चक्रवातीय प्रभाव
एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण दक्षिणी पंजाब, गुजरात क्षेत्र और असम के पूर्वोत्तर हिस्सों में स्थित है। इसके प्रभाव से:
- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में 4 से 8 जून तक गरज के साथ वर्षा और तेज़ हवाएं चलेंगी।
- राजस्थान में 7 से 9 जून तक धूल भरी आंधी की संभावना जताई गई है।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बारिश का सिलसिला जारी
4 जून को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं, अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है, जो अगले 7 दिनों तक जारी रह सकती है।
दक्षिण भारत में भी बारिश का दौर जारी रहेगा
केरल और माहे में 4 जून को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा हो सकती है।
- तटीय कर्नाटक, रायलसीमा और आंध्र प्रदेश में भी 4 से 8 जून तक गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ वर्षा हो सकती है।
मछुआरों के लिए चेतावनी: समुद्री इलाकों से दूर रहें
आईएमडी ने मछुआरों के लिए विशेष चेतावनी जारी की है:
- 4 जून को कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप तटों पर न जाने की सलाह दी गई है।
- 4 से 8 जून तक सोमालिया तट और उसके आसपास के क्षेत्रों में समुद्र में न उतरें।
- 5 जून को उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के लिए भी चेतावनी है।
अत्यधिक वर्षा के पीछे का कारण: चक्रवाती प्रणाली और गर्त रेखा
आईएमडी के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर गर्त रेखाएं भारी बारिश का कारण बन रही हैं।
- इन मौसमी प्रणालियों से पूर्वोत्तर भारत में लगातार वर्षा जारी रहेगी।
- हवा की दिशा और नमी की अधिकता गरज-चमक और तेज़ हवाओं को जन्म देती है।
निवासियों और यात्रियों के लिए सुझाव
- भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें।
- बिजली गिरने की संभावना वाले समय में पेड़ों और खुले स्थानों से दूर रहें।
- समुद्र तट पर न जाएं, विशेषकर मछुआरे सावधानी बरतें।
- अपने क्षेत्रों के मौसम अपडेट्स को नियमित रूप से देखें।