2024 में भारत की उपलब्धियां: विज्ञान, रक्षा और सांस्कृतिक विरासत में नई ऊंचाइयों पर देश-प्रधानमंत्री मोदी
“2024 भारत के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा, जिसमें विज्ञान, रक्षा, सांस्कृतिक धरोहर और अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई उपलब्धियां दर्ज की गईं। इन उपलब्धियों ने न केवल भारत की ताकत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, बल्कि देश के आत्मनिर्भरता के सपने को भी नई दिशा दी। आइए, इस साल की मुख्य उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं।”
डिजिटल क्रिएटर्स का सम्मान
भारत ने पहली बार डिजिटल सामग्री क्रिएटर्स को सम्मानित करने के लिए ‘नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड’ लॉन्च किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में यह पुरस्कार प्रदान किए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत डिजिटल सामग्री निर्माण में वैश्विक केंद्र बन चुका है।
यूनESCO धरोहर स्थलों में वृद्धि
इस साल भारत ने पहली बार ‘विश्व धरोहर समिति’ की मेजबानी की, जिसमें असम के मोइदाम को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल किया गया। पिछले दशक में भारत के कुल 13 स्थल इस सूची में शामिल हो चुके हैं।
आयुर्वेद को वैश्विक पहचान
अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘आरोही-2024’ आयोजित किया गया। इसने आयुर्वेद को एक प्रभावी चिकित्सा प्रणाली के रूप में वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित किया।
अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयां
- स्पेडेक्स मिशन: इसरो ने स्पेडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करता है।
- ब्लैक होल अध्ययन: इसरो ने एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह लॉन्च कर भारत को ब्लैक होल की जांच करने वाला दुनिया का दूसरा देश बनाया।
- पहला सैन्य अंतरिक्ष अभ्यास: ‘अंतरिक्ष अभ्यास-2024’ ने भारत की रक्षा अंतरिक्ष क्षमताओं को मजबूत किया।
रक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां
- हाइपरसोनिक मिसाइल: डीआरडीओ ने पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
- सी-295 विमान निर्माण: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पहले निजी क्षेत्र के सैन्य विमान संयंत्र का उद्घाटन किया।
सांस्कृतिक और बौद्धिक समृद्धि
- भारत ने नवंबर 2024 में प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें 32 देशों के 160 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
- वैश्विक सहकारी सम्मेलन की मेजबानी कर भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया।
2024 भारत के लिए हर क्षेत्र में उपलब्धियों से भरा वर्ष रहा। विज्ञान, रक्षा, सांस्कृतिक धरोहर और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में की गई प्रगति ने देश की वैश्विक पहचान को और भी मजबूत किया है। इन उपलब्धियों ने न केवल भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, बल्कि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को भी साकार करने में योगदान दिया है।