भारत-ब्राजील संबंधों को नई दिशा: शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की ब्राजील यात्रा
“भारत और ब्राजील के संबंध ऐतिहासिक रूप से मित्रवत रहे हैं। शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय विदेशी मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में ब्राजील का दौरा किया, जिसने इन द्विपक्षीय संबंधों में नई गति और गहराई जोड़ दी। ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन से मुलाकात इस यात्रा की प्रमुख उपलब्धियों में से एक रही।“
ब्राजील के उपराष्ट्रपति ने जताई भारत के प्रति मित्रता
गेराल्डो अल्कमिन ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया और भारत को ब्राजील का महत्वपूर्ण वाणिज्यिक साझेदार बताया। उन्होंने कहा कि ब्राजील हमेशा भारत के साथ शांति, सहयोग और वैश्विक स्थिरता के लिए काम करना चाहता है। उन्होंने इस दौरे को दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना।
ब्राजील यात्रा के अनुभव साझा करते हुए बोले शशि थरूर
शशि थरूर ने बताया कि ब्राजील यात्रा अब तक बहुत सफल रही है। उन्होंने राष्ट्रपति के वरिष्ठ कूटनीतिक सलाहकार और सीनेट की विदेश समिति के अध्यक्ष से गहन चर्चा की। इन बैठकों के दौरान दोनों देशों की विदेश नीति, आपसी सहयोग और वैश्विक चुनौतियों को लेकर सार्थक संवाद हुआ।
आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख
भारत-ब्राजील द्विपक्षीय संबंधों में सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण विषय रहा। शशि थरूर ने आतंकवाद पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जब कोई देश आपकी सीमा पर आतंकवाद फैलाता है, तब बातचीत संभव नहीं होती। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के ढांचे को जड़ से खत्म करना जरूरी है।
अमेरिका यात्रा का भी किया जिक्र
शशि थरूर ने अमेरिका यात्रा के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वाशिंगटन डीसी में सरकारी अधिकारियों, सीनेटरों और नीति विशेषज्ञों से व्यापक संवाद हुआ। उन्होंने कहा कि गलत सूचनाओं की रोकथाम और भारत की सच्ची तस्वीर पेश करने की दिशा में भारत की कोशिशें सफल रही हैं।
तकनीकी और विकासात्मक मुद्दों पर भारत की उपलब्धियाँ
केंद्रीय राज्य मंत्री चंद्रशेखर पम्मसानी ने बताया कि इस प्रक्रिया में लगभग 10 देशों ने भाग लिया, लेकिन भारत ने 4G-5G नेटवर्क विस्तार, दूरसंचार सुधार और उपग्रह तकनीक के मामले में असाधारण प्रदर्शन किया है। भारत का अनुभव अन्य देशों के लिए एक उदाहरण बनकर उभरा है।
कोलंबिया में भी भारत की भूमिका
प्रतिनिधिमंडल की कोलंबिया यात्रा भी उल्लेखनीय रही। वहां की स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाने में भारत की भूमिका को सराहा गया। यह प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति के तहत वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को दर्शाता है।
चैंबर ऑफ डेप्युटीज में हुई महत्वपूर्ण मुलाकात
ब्राजील के चैंबर ऑफ डेप्युटीज में शशि थरूर और उनकी टीम ने विदेश मामलों और राष्ट्रीय रक्षा समिति के अध्यक्ष संघीय उप फिलिप बरोज़ से भी मुलाकात की। इस बैठक में सुरक्षा, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
भारत-ब्राजील द्विपक्षीय संबंध: भविष्य की राह
आपसी सहयोग के लिए नए अवसर
इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत किया है। दोनों देश अब व्यापार, रक्षा, तकनीकी सहयोग और आतंकवाद-निरोधक उपायों में अधिक सहयोग की संभावना तलाश रहे हैं।
वैश्विक मंच पर साझेदारी की आवश्यकता
भारत और ब्राजील दोनों उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं और वैश्विक मंचों जैसे BRICS, G20 में सक्रिय भागीदार हैं। ऐसे में दोनों के बीच आपसी समन्वय और नीति तालमेल वैश्विक संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
जनसेतु और सांस्कृतिक संबंध भी होंगे मजबूत
द्विपक्षीय यात्रा सिर्फ सरकारी स्तर पर ही नहीं, बल्कि जनसेतु और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी प्रोत्साहित करती है। दोनों देशों के बीच पर्यटन, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को भी बल मिलेगा।