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भारत-चीन सीमा विवाद: विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में कही दशकों से चल रही बातचीत की बात

भारत-चीन सीमा विवाद पर विदेश मंत्री का बयान

लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत-चीन सीमा विवाद पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने बताया कि दोनों देश दशकों से सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस जटिल मुद्दे का समाधान केवल संवाद और शांति के प्रयासों से ही संभव है।

दशकों पुराना है भारत-चीन सीमा विवाद

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। 1962 के युद्ध के बाद से सीमा रेखा को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद बरकरार हैं। विदेश मंत्री ने बताया कि दोनों देशों ने इस विवाद को सुलझाने के लिए विभिन्न स्तरों पर बातचीत की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।

शांति और स्थिरता बनाए रखना है प्राथमिकता

डॉ. जयशंकर ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना भारत की प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी स्थिति में अपनी संप्रभुता और अखंडता से समझौता नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, “हम बातचीत के जरिए समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।”

हालिया घटनाओं पर चर्चा

विदेश मंत्री ने चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर किए गए उल्लंघनों और आक्रामक गतिविधियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने इन घटनाओं का सख्ती से जवाब दिया है और अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं।

भारत का रुख स्पष्ट

जयशंकर ने कहा कि भारत बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने के पक्ष में है, लेकिन इसके लिए चीन को भी शांति और स्थिरता का सम्मान करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सीमा विवाद का समाधान केवल तभी संभव है जब दोनों पक्ष पारस्परिक विश्वास और समझ के साथ आगे बढ़ें।

सीमा विवाद के समाधान के लिए भारत का कूटनीतिक और दृढ़ रुख भविष्य में शांति और स्थिरता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

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