NationalNews

भारत का डेटा सेंटर बाजार 2030 तक 4,500 मेगावाट की क्षमता पार करेगा

कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का डेटा सेंटर बाजार 2030 तक 4,500 मेगावाट की क्षमता पार कर सकता है, जो वर्तमान में 1,263 मेगावाट है। यह वृद्धि डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग, AI और IoT के उपयोग में वृद्धि, और सरकारी नीतियों के समर्थन के कारण हो रही है।


प्रमुख शहरों में डेटा सेंटर का विकास

मुंबई, चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर भारत के प्रमुख डेटा सेंटर हब हैं। मुंबई में 41% क्षमता है, चेन्नई में 23% और दिल्ली-एनसीआर में 14%। हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी डेटा सेंटर का विकास हो रहा है।


निवेश और रियल एस्टेट का विस्तार

डेटा सेंटर बाजार में अगले 5-6 वर्षों में 20-25 बिलियन डॉलर का निवेश होने की संभावना है। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में लगभग 55 मिलियन वर्ग फीट का विस्तार होगा, जो वर्तमान में 15.9 मिलियन वर्ग फीट है।


भारत का वैश्विक डेटा सेंटर हब बनने की दिशा में

भारत की रणनीतिक स्थिति, भूमि की उपलब्धता, बिजली की आपूर्ति और कुशल प्रतिभा की उपलब्धता इसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डेटा सेंटर के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाती है। सरकारी नीतियों और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत डेटा लोकलाइजेशन मानदंडों से भी इस क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है।Hindu Current Affairs

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *