भारत आपदा प्रबंधन में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर: गृहमंत्री अमित शाह
“ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राहत आयुक्तों और आपदा प्रतिक्रिया बलों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब आपदा प्रबंधन में एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है। उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में देश ने गति, दक्षता, सटीकता और तकनीकी इस्तेमाल के जरिए आपदा से निपटने में क्रांतिकारी सुधार किए हैं।“
‘जीरो कैजुअल्टी’ अब भारत की प्राथमिकता
शाह ने कहा कि भारत ने पारंपरिक “राहत केंद्रित” नीति से आगे बढ़कर अब “जीरो कैजुअल्टी अप्रोच” को अपनाया है, जिसकी संयुक्त राष्ट्र सहित कई वैश्विक संस्थानों ने सराहना की है।
🗨️ “अब आपदा प्रबंधन का मतलब सिर्फ राहत नहीं, बल्कि पूर्व तैयारी, समय पर बचाव और जान बचाना है,” – अमित शाह
NDRF और SDRF की भूमिका महत्वपूर्ण
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को शाह ने “सम्मान का प्रतीक” बताया।
- राज्य आपदा राहत बल (SDRF) को प्रशिक्षित करने में NDRF की भूमिका को भी सराहा।
- वित्तीय सहयोग में तीन गुना वृद्धि:
- NDRF: ₹28,000 करोड़ → ₹84,000 करोड़ (2004–2024)
- SDRF: ₹38,000 करोड़ → ₹1.44 लाख करोड़
वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत उपस्थिति
भारत के नेतृत्व में गठित कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर (CDRI) को आज 49 देशों और संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
इसमें शामिल हैं:
- संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां
- बहुपक्षीय बैंक
- निजी क्षेत्र
- वैश्विक विश्वविद्यालय
अनुसंधान, प्रशिक्षण और युवाओं की भागीदारी पर ज़ोर
- पूर्व चेतावनी प्रणाली को सशक्त करने हेतु शोध को अहम बताया।
- युवाओं को प्रशिक्षित कर आपदा सहयोग के लिए तैयार करना जरूरी बताया।
- स्थानीय निकायों और आम नागरिकों की सहभागिता को भी अहम करार दिया।
भारत अब सिर्फ आपदा के बाद राहत देने वाला देश नहीं, बल्कि आपदा से पहले बचाव करने वाला दूरदर्शी राष्ट्र बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति और गृहमंत्री शाह की रणनीति ने भारत को ग्लोबल आपदा लीडरशिप की राह पर अग्रसर कर दिया है।