NationalNews

भारत-मिस्र संबंधों में नई मजबूती: आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प

भारत-मिस्र सहयोग 2025 की दिशा में एक अहम कदम के रूप में, एनसीपी-शरदचंद्र पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र का दौरा किया। इस यात्रा का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति को मजबूत करना और द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाई तक पहुंचाना था।

मिस्र के विदेश मंत्री से हुई अहम बातचीत

प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी (अब्देलती) से मुलाकात की और भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को दोहराया। दोनों देशों ने आपसी समझ और सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान भारत ने मिस्र द्वारा हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले की कठोर निंदा का स्वागत किया।

भारत-मिस्र सहयोग 2025 का महत्व

भारत-मिस्र सहयोग 2025 का मुख्य उद्देश्य है आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक प्रयास को बढ़ावा देना, रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना और क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करना। भारत और मिस्र दोनों इस दिशा में अपनी सैद्धांतिक प्रतिबद्धता और व्यावहारिक साझेदारी को गहरा करने पर सहमत हुए।

प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के सांसद शामिल

इस प्रतिनिधिमंडल में राजनीतिक विविधता देखने को मिली। इसमें भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी, कांग्रेस के मनीष तिवारी, ‘आप’ के विक्रमजीत सिंह साहनी, अनुराग सिंह ठाकुर, टीडीपी के लवू श्रीकृष्ण देवरायलु, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे। साथ ही भारत के पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

काहिरा में हुई प्रमुख वार्ताएं और समारोह

प्रतिनिधिमंडल ने अपने दौरे की शुरुआत हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक पर शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर की। इसके बाद, मिस्र के पूर्व विदेश मंत्री नबील फहमी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई जिसमें स्थानीय बुद्धिजीवियों, मीडिया प्रतिनिधियों और विचारशील नेताओं से संवाद हुआ।

अरब लीग से हुई सार्थक बातचीत

प्रतिनिधिमंडल ने अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घीत से भी मुलाकात की। चर्चा में भारत और अरब देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने, राजनीतिक व आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के उपायों पर विचार किया गया।

आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को नई मजबूती

भारत और मिस्र दोनों ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसलिए, दोनों देशों ने मिलकर इसे हराने का संकल्प लिया है। मिस्र ने न केवल भारत के आतंकी हमलों की आलोचना की बल्कि संयुक्त प्रयासों के लिए भी तैयार होने का संकेत दिया।

भारत का रुख: सैद्धांतिक, निर्णायक और सहयोगी

सुप्रिया सुले ने प्रेस को बताया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ न केवल अपने देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी निर्णायक और सैद्धांतिक रुख अपनाता रहा है। भारत अपने अनुभवों और संसाधनों को साझा करने को भी तैयार है ताकि वैश्विक समुदाय मिलकर इस चुनौती का सामना कर सके।

Focus Key Phrase की पुनर्पुष्टि: भारत-मिस्र सहयोग 2025

इस द्विपक्षीय बैठक ने भारत-मिस्र सहयोग 2025 की प्राथमिकताओं को पुनः स्पष्ट किया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • आतंकवाद विरोधी रणनीति
  • सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक जुड़ाव
  • आर्थिक व तकनीकी सहयोग
  • जन-केंद्रित कूटनीति और सूचना आदान-प्रदान

भारत और मिस्र के ऐतिहासिक संबंध

भारत और मिस्र के संबंध सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरे हैं। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर वैश्विक मंचों पर दोनों देशों ने साथ चलने की परंपरा को निभाया है। यह दौरा उसी परंपरा को और मजबूती प्रदान करता है।

मीडिया में भारत के दृष्टिकोण को मिली जगह

प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्यों ने मिस्र के प्रमुख मीडिया हाउस को इंटरव्यू दिए। इनमें भारत की आतंकवाद विरोधी नीति, वैश्विक शांति के लिए प्रयास और अरब देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को उजागर किया गया। इन साक्षात्कारों ने जनता और मीडिया के बीच भारत के रुख को बेहतर ढंग से पेश किया।

भारत-मिस्र साझेदारी का भविष्य

यह दौरा दर्शाता है कि भारत-मिस्र सहयोग 2025 केवल राजनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक ठोस कार्य योजना है। इसमें आतंकवाद से निपटना, सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ाना और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देना शामिल है। आने वाले वर्षों में यह साझेदारी और भी गहरी हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *