भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 2024-25 में रिकॉर्ड स्तर पर, अमेरिका रहा सबसे बड़ा बाजार
“भारत का इंजीनियरिंग निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 6.74 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 116.67 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा अब तक का सबसे उच्च स्तर है, जिससे भारत की वैश्विक बाजार में पकड़ और भी मजबूत हुई है। इससे पहले, वित्त वर्ष 2023-24 में यह निर्यात 109.30 अरब डॉलर और 2021-22 में 112.10 अरब डॉलर रहा था।“
अमेरिका बना सबसे बड़ा निर्यात बाजार
अमेरिका वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात का सबसे बड़ा गंतव्य बना। अमेरिका को निर्यात 8.7 प्रतिशत बढ़कर 19.15 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 17.62 अरब डॉलर था।
अन्य प्रमुख बाजारों में भी वृद्धि
भारतीय इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, नेपाल, जापान और फ्रांस जैसे देशों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई। इससे भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात का वैश्विक नेटवर्क और अधिक विस्तारित हुआ है।
कुल व्यापारिक निर्यात में बढ़ी इंजीनियरिंग निर्यात की हिस्सेदारी
भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग उत्पादों की हिस्सेदारी 2023-24 के 25.01 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 26.67 प्रतिशत हो गई है। यह स्पष्ट करता है कि भारत का इंजीनियरिंग क्षेत्र निर्यात में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
ईईपीसी इंडिया का बयान
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात का प्रदर्शन मजबूत रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर आयात शुल्क बढ़ाने के बावजूद भारतीय इंजीनियरिंग उत्पादों की मांग में गिरावट नहीं आई।
क्षेत्रवार प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2024-25 में क्षेत्रवार प्रदर्शन में नॉर्थ अमेरिका ने 20.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहला स्थान हासिल किया। इसके बाद यूरोपीय संघ (EU) ने 17.1 प्रतिशत और पश्चिम एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका (WANA) क्षेत्र ने 16.7 प्रतिशत हिस्सेदारी दर्ज की।
इंजीनियरिंग पैनलों का प्रदर्शन
अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के दौरान 34 में से 28 इंजीनियरिंग पैनलों ने सकारात्मक वृद्धि दिखाई। हालांकि, छह पैनलों जैसे लोहा और इस्पात, तांबा और एल्यूमीनियम उत्पाद, कार्यालय उपकरण, अन्य निर्माण मशीनरी और मिका उत्पादों में गिरावट देखी गई।
मार्च 2025 में मामूली गिरावट
पूरे वित्त वर्ष के शानदार प्रदर्शन के बावजूद मार्च 2025 में मासिक आधार पर इंजीनियरिंग निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। मार्च में निर्यात 10.82 अरब डॉलर रहा, जो मार्च 2024 के 11.27 अरब डॉलर के मुकाबले 3.92 प्रतिशत कम है।
भारत का वैश्विक निर्यात में बढ़ता दबदबा
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत का इंजीनियरिंग क्षेत्र वैश्विक बाजारों में लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। निरंतर वृद्धि और नए बाजारों के विस्तार के साथ, भारत आने वाले वर्षों में भी इंजीनियरिंग निर्यात में रिकॉर्ड स्थापित कर सकता है।