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भारत को वैश्विक आईवियर निर्यात केंद्र बनाने की योजना पर केंद्रीय मंत्री और लेंसकार्ट सीईओ की अहम मुलाकात

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में लेंसकार्ट के सह-संस्थापक और सीईओ पीयूष बंसल से मुलाकात की। इस बैठक में भारत को वैश्विक आईवियर निर्यात केंद्र बनाने के रास्तों पर विस्तार से चर्चा हुई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस बैठक की जानकारी साझा करते हुए मंत्री गोयल ने लेंसकार्ट की सामाजिक पहलों की सराहना भी की।

भारत आईवियर निर्यात केंद्र के रूप में कैसे उभर सकता है?

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला को देखते हुए देश को आईवियर के वैश्विक निर्माण और निर्यात में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत की कुशल श्रमिक शक्ति, तकनीकी नवाचार और व्यापारिक नीतियां इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।

लेंसकार्ट की नई पहलें

लेंसकार्ट ने हाल ही में हैदराबाद के पास अपने नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की नींव रखी है। कंपनी के अनुसार, यह प्लांट वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा आईवियर निर्माण इकाइयों में से एक होगा। इसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे गुणवत्ता और नवाचार के नए मानक स्थापित किए जाएंगे। इस पहल से भारत में आईवियर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई दिशा मिल सकती है।

सामाजिक पहल और विजन केयर का विस्तार

पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि उन्हें लेंसकार्ट की सामाजिक पहलों के बारे में जानकर प्रसन्नता हुई, जो देश भर में विजन केयर को आम लोगों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कंपनी के प्रयास ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में नेत्र देखभाल सेवाओं को सुलभ बनाने में मदद कर रहे हैं।

इन्वेस्ट इंडिया की समीक्षा बैठक

वाणिज्य मंत्री ने हाल ही में भारत मंडपम में इन्वेस्ट इंडिया की एक समीक्षा बैठक भी की। इस दौरान निवेशकों के साथ जुड़ाव को और बेहतर बनाने, एमएसएमई को सशक्त बनाने और देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा हुई। इन्वेस्ट इंडिया भारत सरकार की प्रमुख निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी है।

भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: वर्तमान और भविष्य

वर्तमान में भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा बनाता है और 27.3 मिलियन से अधिक श्रमिकों को रोजगार देता है। सरकार का लक्ष्य है कि मेक इन इंडिया पहल और उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं के माध्यम से 2025 तक मैन्युफैक्चरिंग का योगदान 25 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए। आईवियर सेक्टर में इस पहल का विशेष योगदान हो सकता है।

भारत को आईवियर निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने की योजना न केवल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती देगी, बल्कि वैश्विक बाजार में देश की प्रतिस्पर्धा भी बढ़ाएगी। लेंसकार्ट जैसी कंपनियों की पहल और सरकार की सक्रिय रणनीतियों से भारत भविष्य में आईवियर उद्योग में एक वैश्विक नेता बन सकता है।

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