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विदेश नीति में बदलाव: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का वैश्विक उभार

पिछले 11 वर्षों में भारत की विदेश नीति में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। यह बदलाव केवल दृष्टिकोण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कूटनीति की रणनीतियों, वैश्विक मंचों पर भागीदारी और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में भी स्पष्ट रूप से देखा गया। अब भारत एक आत्मनिर्भर, निर्णायक और वैश्विक जिम्मेदार शक्ति के रूप में उभरा है।

‘पड़ोसी पहले’ नीति से भारत का क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ा

भारत ने अपने पारंपरिक पड़ोस को प्राथमिकता देते हुए ‘पड़ोसी पहले’ नीति को अपनाया। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों के साथ संबंधों को मजबूती दी गई। यह रणनीति न केवल क्षेत्रीय स्थिरता लाई, बल्कि व्यापार, संस्कृति और आपदा सहयोग के नए आयाम भी खोले।

‘एक्ट ईस्ट’ और ‘थिंक वेस्ट’ नीतियों से नए रिश्ते मजबूत हुए

एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत भारत ने ASEAN देशों के साथ व्यापार, रक्षा और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा दिया। वहीं ‘थिंक वेस्ट पॉलिसी’ ने खाड़ी देशों के साथ गहरे आर्थिक संबंध बनाए। सऊदी अरब, UAE और इज़राइल जैसे देशों के साथ सहयोग बढ़ा।

‘कनेक्ट सेंट्रल एशिया’ से नए मार्ग खुले

मध्य एशिया से जुड़ाव को भारत ने रणनीतिक दृष्टि से देखा। कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति के माध्यम से ऊर्जा, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग हुआ।

समुद्री सुरक्षा और ‘सागर’ विजन

‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region) विजन के जरिए भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, व्यापार मार्गों की रक्षा और सहयोगी संबंधों को प्राथमिकता दी। इस नीति ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक अहम खिलाड़ी बनाया।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत

भारत की रक्षा नीति में अब स्वदेशीकरण और नवाचार को प्राथमिकता दी जा रही है। स्वदेश निर्मित INS विक्रांत इसका बड़ा उदाहरण है। ‘iDEX’ जैसी योजनाओं से स्टार्टअप्स और युवाओं को रक्षा तकनीक में नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया गया।

आपात स्थितियों में भारत एक ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ बनकर उभरा

भारत ने वैश्विक संकटों में मानवीय सहायता पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाई।

  • ऑपरेशन गंगा (2022): यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी
  • ऑपरेशन दोस्त (2023): तुर्किये में भूकंप राहत
  • मिशन सागर (2020): महामारी के दौरान आपूर्ति
  • ऑपरेशन देवी शक्ति (2021): अफगानिस्तान से रेस्क्यू

ये सभी अभियान दिखाते हैं कि भारत ने अपनी विदेश नीति को मानवीयता और त्वरित प्रतिक्रिया से जोड़ दिया है।

भारत की अंतरराष्ट्रीय पहलों से मिली वैश्विक मान्यता

भारत ने जलवायु और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी पहल की हैं:

  • इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA)
  • आपदा-रोधी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI)
  • LiFE Movement: पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा

इन पहलों से भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका स्पष्ट हुई है।

G20 अध्यक्षता: भारत की कूटनीति का वैश्विक प्रदर्शन

2023 में भारत की G20 अध्यक्षता एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही। “वसुधैव कुटुंबकम्” (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) के संदेश ने वैश्विक संवाद को नई दिशा दी। भारत ने अफ्रीकी संघ को G20 में शामिल कराने में भी निर्णायक भूमिका निभाई।

भारत की विदेश नीति: एक नया वैश्विक दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति ने परंपरागत दृष्टिकोण से निकलकर एक आत्मविश्वासी, समावेशी और राष्ट्रीय हित आधारित नीति अपनाई है। भारत न केवल अपने हितों की रक्षा कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंचों पर समस्याओं के समाधान में योगदान भी दे रहा है।

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