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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 676.3 बिलियन डॉलर पर पहुँचा, लगातार पाँचवे सप्ताह में बढ़ोतरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 4 अप्रैल 2025 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10.8 बिलियन डॉलर बढ़कर 676.3 बिलियन डॉलर हो गया है। यह लगातार पाँचवाँ सप्ताह है जब देश के फॉरेक्स रिजर्व में वृद्धि दर्ज की गई है।

विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में सबसे अधिक योगदान

इस बढ़ोतरी में सबसे बड़ा योगदान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) का रहा, जिसमें 9 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है। अब ये परिसंपत्तियाँ बढ़कर 574.08 बिलियन डॉलर हो गई हैं।

गोल्ड रिजर्व और SDR में भी इज़ाफ़ा

  • भारत का गोल्ड रिजर्व (Gold Reserves) 1.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 79.36 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया है।
  • विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी 186 मिलियन डॉलर की बढ़त के साथ 18.36 बिलियन डॉलर हो चुके हैं।

आरबीआई के हस्तक्षेप और पुनर्मूल्यांकन का असर

आरबीआई ने यह भी बताया है कि हाल के हफ्तों में विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप और मुद्रा के पुनर्मूल्यांकन (Revaluation) की वजह से फॉरेक्स रिजर्व में सुधार आया है।

अब तक का उच्चतम स्तर

सितंबर 2024 में भारत का फॉरेक्स रिजर्व 704.88 बिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुँचा था। वर्तमान स्तर उस रिकॉर्ड के करीब नहीं है, लेकिन फिर भी यह एक स्थिर आर्थिक संकेतक है।

रुपये को स्थिर रखने में मददगार

मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार भारतीय रुपये को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। अगर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तो आरबीआई अपने भंडार से डॉलर बेचकर रुपये को गिरने से संभाल सकता है। यह मुद्रा स्थिरता देश की वित्तीय सेहत के लिए अहम होती है।

व्यापार घाटे में कमी: भारत की अर्थव्यवस्था को समर्थन

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, फरवरी 2025 में भारत का व्यापार घाटा घटकर 14.05 बिलियन डॉलर रह गया, जो पिछले तीन वर्षों का सबसे न्यूनतम स्तर है।

कारण:

  • निर्यात में स्थिरता बनी रही।
  • आयात में उल्लेखनीय गिरावट आई।

इससे पता चलता है कि वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनी हुई है।

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