NationalNews

वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रहने की संभावना: क्रिसिल रिपोर्ट

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को अपनी ताजा रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2026 में 6.5% रह सकती है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने से यह अनुमान प्रभावित हो सकता है।

वैश्विक अनिश्चितता और जीडीपी पर असर

रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमापन, अमेरिका के टैरिफ में बढ़ोतरी और निवेशकों में बढ़ती अनिश्चितता भारत की आर्थिक वृद्धि में चुनौतियां उत्पन्न कर सकते हैं। इन परिस्थितियों के बावजूद, आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति में संभावित नरमी से आंतरिक मांग को बल मिलने की उम्मीद है।

खपत को मिलेगा सहारा

क्रिसिल का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती, आयकर में राहत और घटती महंगाई से घरेलू खपत को गति मिलेगी। इसके साथ ही, अच्छे मानसून से ग्रामीण आय में इजाफा होगा जो उपभोग को प्रोत्साहित करेगा।

अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक बाजार का असर

अमेरिकी टैरिफ एक संभावित जोखिम

रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी टैरिफ वृद्धि एक प्रमुख चिंता का विषय है। टैरिफ में बार-बार बदलाव और वैश्विक नीतिगत अस्थिरता भारत जैसे विकासशील देशों के लिए निवेश में बाधा बन सकती है।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से राहत

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत को आयात लागत में राहत मिलेगी, जिससे व्यापार घाटा कम होने और मुद्रा सुदृढ़ होने की संभावना है। इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिल सकती है।

कृषि और ग्रामीण खपत का योगदान

रबी फसल उत्पादन का बेहतर असर

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में रबी फसल का अच्छा उत्पादन और खाद्य महंगाई में गिरावट, ग्रामीण खपत में वृद्धि का संकेत देते हैं। आरबीआई के उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण के अनुसार मार्च महीने में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपभोक्ता विश्वास में सुधार हुआ है।

औद्योगिक विकास में मंदी के संकेत

आईआईपी ग्रोथ में गिरावट

जनवरी 2025 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) 5.2% रहा, जो फरवरी में घटकर 2.9% रह गया। हालांकि खनन और विनिर्माण क्षेत्र में बढ़त रही, बिजली उत्पादन में सुधार दर्ज किया गया। चौथी तिमाही में औसतन IIP वृद्धि दर 4% रही, जो पिछले तिमाही के 4.1% के करीब है।

निवेश और बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी

निर्माण और पूंजीगत वस्तुओं का विस्तार

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में निर्माण और पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में तेजी आई है, जिसका कारण सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश और सरकार की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देना है। क्रिसिल को उम्मीद है कि यह ट्रेंड अगले वर्ष भी जारी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *