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भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी की बैठक”

भारत और जापान के बीच रिश्तों में हमेशा से मजबूत साझेदारी रही है, और हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साझेदारी को और भी मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। उन्होंने जापान के प्रतिष्ठित व्यापारिक संगठनों, केइजाई दोयुकाई (Japan Business Federation) के अध्यक्ष ताकेशी निनामी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच आर्थिक, व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग को और गहरा करने के लिए सुझाव और विचारों का आदान-प्रदान किया।

बैठक का उद्देश्य

यह बैठक भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। दोनों देशों के बीच सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में कृषि, समुद्री उत्पाद, अंतरिक्ष, रक्षा, बीमा, प्रौद्योगिकी, अवसंरचना, नागरिक उड्डयन, स्वच्छ ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और एमएसएमई भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के दौरान इन क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रस्ताव रखे और जापानी व्यापारिक नेताओं से भारत में निवेश बढ़ाने के लिए उनके विचार और सुझाव भी सुने।

भारत-जापान व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना

भारत और जापान के बीच व्यापारिक संबंध हमेशा से प्रभावी रहे हैं, लेकिन इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने इन संबंधों को और भी प्रगति की दिशा में ले जाने का संकल्प लिया। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को और मजबूत करने के लिए जापानी निवेशकों को आकर्षित करने की योजनाओं को साझा किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और पारदर्शी वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत में जापान प्लस प्रणाली के माध्यम से जापानी निवेश को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया। यह प्रणाली भारत में जापान के निवेशकों के लिए विशेष रूप से अनुकूल वातावरण बनाएगी और निवेश के रास्ते को सरल बनाएगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत के शासन नीतियों के तहत निवेशकों को कोई अस्पष्टता या हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।

एआई और हवाई क्षेत्र में सहयोग

प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा के दौरान भारत के विमानन क्षेत्र के विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत नए हवाई अड्डों के निर्माण और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के विस्तार पर जोर दे रहा है। भारत की विशाल और विविध जनसंख्या को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाने की क्षमता का हवाला दिया। उन्होंने जापानी व्यापारिक प्रतिनिधियों से इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की अपील की।

हरित ऊर्जा में भारत की प्रगति

पीएम मोदी ने इस अवसर पर भारत में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत ने जैव ईंधन पर आधारित एक विशेष मिशन शुरू किया है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में जैव ईंधन से मूल्यवर्धन प्राप्त करना है। इस पहल से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने जापान के साथ हरित ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी इच्छाशक्ति को व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से जापान के साथ इन अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

व्यापार और निवेश संबंधों में उम्मीदें

केइजाई दोयुकाई (Japan Business Federation) के प्रतिनिधिमंडल ने भारत के लिए अपनी योजनाओं को साझा किया और मानव संसाधन तथा कौशल विकास के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच पूरकताओं को विकसित करने की इच्छा जाहिर की। जापानी व्यापारिक प्रतिनिधियों ने भारत में निवेश बढ़ाने के लिए न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

प्रधानमंत्री मोदी और जापान के व्यापारिक नेताओं के बीच हुई इस बैठक ने भारत और जापान के संबंधों को एक नई दिशा में आगे बढ़ाया है। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि भविष्य में व्यापार और निवेश संबंधों को और गहरा किया जाएगा, और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच सहयोग की नित नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की जाएंगी।

भारत और जापान के बीच बढ़ते आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के लिए यह बैठक एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। दोनों देशों के बीच साझा लक्ष्यों और उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, इस तरह की बैठकें दोनों देशों के लिए दीर्घकालिक लाभकारी साबित हो सकती हैं। अब यह देखना होगा कि इन चर्चाओं और प्रस्तावों के आधार पर दोनों देशों के बीच किस प्रकार का व्यावसायिक सहयोग और निवेश की नई संभावनाएं साकार होती हैं।

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