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भारत-मॉरीशस संबंध: नई संसद भवन से वैश्विक साझेदारी तक सहयोग के नए आयाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को घोषणा की कि भारत मॉरीशस में नई संसद भवन बनाने में सहायता करेगा। उन्होंने इसे ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ की ओर से मॉरीशस को एक उपहार बताया। यह घोषणा भारत और मॉरीशस के बीच गहरे ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने का संकेत है।

भारत-मॉरीशस के विशेष संबंध

प्रेस मीट के दौरान पीएम मोदी ने कहा,

“भारत और मॉरीशस का संबंध केवल हिंद महासागर तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी गहरा जुड़ा हुआ है। हम आर्थिक और सामाजिक प्रगति के पथ पर एक-दूसरे के विश्वसनीय साथी हैं।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्राकृतिक आपदाओं, कोविड महामारी, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में दोनों देशों ने कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया है।

मॉरीशस में भारत की सहायता से नई संसद भवन का निर्माण

भारत मॉरीशस के लोकतांत्रिक ढांचे को सशक्त बनाने के लिए नई संसद भवन के निर्माण में सहायता करेगा। यह लोकतंत्र की जननी (Mother of Democracy) भारत की ओर से मॉरीशस को एक ऐतिहासिक उपहार होगा।

इस परियोजना के प्रमुख लाभ:

  • मॉरीशस के लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी।
  • राजनीतिक प्रशासन और संसदीय कार्यों को नया स्वरूप मिलेगा।
  • भारत और मॉरीशस के बीच कूटनीतिक संबंध और गहरे होंगे।

हिंद महासागर और अफ्रीका में भारत की रणनीतिक भागीदारी

पीएम मोदी ने कहा,

“ग्लोबल साउथ हो, हिंद महासागर हो या अफ्रीका का भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है।”

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 10 साल पहले, ‘विजन सागर’ (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) की आधारशिला मॉरीशस में ही रखी गई थी। यह पहल हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी।

SAGAR विजन के अंतर्गत भारत की प्रतिबद्धताएँ:

  1. हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना।
  2. मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा में सहयोग।
  3. साझा व्यापार और सतत विकास को प्राथमिकता देना।
  4. समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए तकनीकी सहायता।

मॉरीशस के 500 सिविल सर्वेंट को भारत में प्रशिक्षण

प्रधानमंत्री मोदी ने अगले पांच वर्षों में मॉरीशस के 500 सिविल सेवकों को भारत में प्रशिक्षण देने की योजना की घोषणा की। इसका उद्देश्य:

  • प्रशासनिक क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।
  • सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में विशेषज्ञता विकसित करना।
  • भारत-मॉरीशस प्रशासनिक सहयोग को और गहरा करना।

व्यापार और आर्थिक साझेदारी में नया कदम

भारत और मॉरीशस ने स्थानीय मुद्रा में आपसी व्यापार के सेटलमेंट को लेकर सहमति जताई है। यह पहल:

  • दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेगी।
  • आर्थिक लेन-देन में पारदर्शिता लाएगी।
  • डॉलर पर निर्भरता को कम करेगी और व्यापार की सुविधा बढ़ाएगी।

राष्ट्रीय दिवस पर मॉरीशस के नागरिकों को शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के नागरिकों को राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा,

“यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मुझे दोबारा मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर आने का अवसर मिला। मैं प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और मॉरीशस सरकार का आभार व्यक्त करता हूँ।”

भारत-मॉरीशस वार्ता: द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा और नए अवसर

प्रधानमंत्री मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पोर्ट लुइस में द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में:

  • दोनों देशों के आर्थिक और राजनीतिक संबंधों की समीक्षा की गई।
  • नई साझेदारी के लिए संभावनाओं पर चर्चा हुई।
  • प्रमुख क्षेत्रों जैसे रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और अंतरिक्ष सहयोग में नए अवसरों पर विचार किया गया।

भविष्य की योजनाएँ और संभावनाएँ

भारत और मॉरीशस के बीच सहयोग आगे और मजबूत होने की उम्मीद है। दोनों देश:

  • सतत विकास और बुनियादी ढांचे में निवेश को प्राथमिकता देंगे।
  • शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण को बढ़ावा देंगे।
  • अंतरिक्ष और समुद्री अनुसंधान में सहयोग को और गहरा करेंगे।

भारत और मॉरीशस के संबंध केवल भौगोलिक निकटता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह संस्कृति, परंपरा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी में भी गहराई से जुड़े हुए हैं।

नई संसद भवन निर्माण, सागर विजन, सिविल सेवा प्रशिक्षण और व्यापार समझौते जैसे प्रयासों से भारत और मॉरीशस के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।

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