भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज और रोजगार में ऐतिहासिक वृद्धि
“भारत सरकार की प्रभावी नीतियों के चलते सामाजिक सुरक्षा कवरेज में दोगुनी वृद्धि हुई है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, यह कवरेज 24.4% से बढ़कर 48.8% हो गया है। यह उपलब्धि सरकार की श्रमिक हितैषी योजनाओं और प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम है।“
ई-श्रम पोर्टल और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार
आईएलओ की ‘विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26’ के हवाले से केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ई-श्रम पोर्टल को तेजी से विस्तारित किया गया है, जिसमें अब तक 30.67 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत गिग वर्कर्स को भी शामिल किया गया है, जिससे कार्यबल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
कल्याणकारी योजनाओं का एकीकरण
सरकार ने श्रमिकों के लिए 12 प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ा है। यह पोर्टल अब 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे देशभर के श्रमिकों और उनके परिवारों को सहायता मिल रही है। इसके अलावा, 10 नए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है और 10 और कॉलेजों को जल्द ही मंजूरी मिलने की योजना है।
2047 तक विकसित भारत का रोडमैप
मंत्री मांडविया ने बताया कि सरकार सिर्फ आर्थिक विकास पर ही ध्यान नहीं दे रही, बल्कि एक शिक्षित, स्वस्थ और सशक्त समाज बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। यह नीतियां 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के रोडमैप का हिस्सा हैं।
रोजगार में जबरदस्त उछाल
रोजगार के क्षेत्र में भी सरकार ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 2014 से 2024 के बीच 17.1 करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित किए गए, जिनमें से 4.6 करोड़ नौकरियां सिर्फ पिछले साल में पैदा हुईं। यह आंकड़े देश में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और औद्योगिक विस्तार को दर्शाते हैं।
बेरोजगारी दर में कमी और महिला रोजगार में वृद्धि
बेरोजगारी दर में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। 2017-18 में यह दर 6% थी, जो 2023-24 में घटकर 3.2% हो गई है। इसी अवधि में महिला रोजगार दर में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। यह 22% से बढ़कर 40.3% हो गई, जो महिलाओं के बढ़ते आर्थिक योगदान और रोजगार के नए अवसरों को दर्शाती है।
भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज और रोजगार में आई इस बढ़ोतरी से यह साफ है कि सरकार की नीतियां प्रभावी रूप से काम कर रही हैं। आने वाले वर्षों में इन सुधारों के और मजबूत होने की संभावना है, जिससे देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति और बेहतर होगी।