विझिनजाम में भारतीय तटरक्षक बल का नया जेटी लॉन्च, तटीय सुरक्षा को मिलेगा नया बल”
“भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने केरल के विझिनजाम बंदरगाह पर एक अत्याधुनिक जेटी का उद्घाटन किया है। भारतीय तटरक्षक बल विझिनजाम जेटी उद्घाटन के इस ऐतिहासिक कदम से भारत की तटीय सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मज़बूती मिलेगी। इस जेटी की लंबाई 76.7 मीटर है, और इसका उपयोग त्वरित जहाज तैनाती, निगरानी और बचाव अभियानों में किया जाएगा।“
उद्घाटन समारोह की जानकारी
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस जेटी का उद्घाटन 7 जून 2025 को तटरक्षक महानिदेशक (डीजी) परमेश शिवमणि ने किया।
इस कार्यक्रम में शामिल हुए:
- आईसीजी क्षेत्र (पश्चिम) के महानिरीक्षक भीष्म शर्मा
- विझिनजाम इंटरनेशनल सीपोर्ट लिमिटेड,
- केरल सरकार और समुद्री बोर्ड,
- राज्य पुलिस,
- पत्तन प्राधिकारी,
- भारतीय सेना और अदानी पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड,
- मत्स्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी।
यह आयोजन भारत की सार्वजनिक और निजी भागीदारी का एक मजबूत उदाहरण भी रहा।
जेटी का तकनीकी और रणनीतिक महत्व
- यह जेटी 76.7 मीटर लंबी बर्थ है, जो आईसीजी जहाजों की त्वरित तैनाती और पुनः प्रवेश में सहायता करेगी।
- जेटी की स्थिति प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से सिर्फ 10 समुद्री मील की दूरी पर है।
- यह विझिनजाम इंटरनेशनल ट्रांसशिपमेंट डीपवाटर पोर्ट के निकट स्थित है, जो इसे और भी रणनीतिक बनाता है।
तटीय सुरक्षा और मिशन क्षमता में वृद्धि
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह जेटी भारत की तटीय सुरक्षा प्रणाली को कई स्तरों पर मज़बूत करेगी:
- तटीय निगरानी (Coastal Surveillance)
- खोज और बचाव अभियानों में तेजी (Search & Rescue)
- तस्करी और गैरकानूनी गतिविधियों पर नियंत्रण
- मत्स्य संरक्षण मिशनों के संचालन में सहयोग
इन पहलों से भारतीय तटरक्षक बल की क्षेत्र में तेजी से कार्रवाई करने की क्षमता में काफी सुधार होगा।
डीजी परमेश शिवमणि का वक्तव्य
महानिदेशक शिवमणि ने उद्घाटन के अवसर पर कहा:
“यह नई जेटी तटीय क्षेत्र में तेजी से कार्रवाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक रणनीतिक उपलब्धि है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूती मिलेगी।”
भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट के लिए नई ढाल
विझिनजाम जेटी का निर्माण भारत के दक्षिण-पश्चिमी तटीय क्षेत्र को सुरक्षा देने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र:
- समुद्री व्यापार का प्रमुख केंद्र
- जहाजों की उच्च आवागमन दर
- स्मगलिंग और समुद्री अपराधों की संवेदनशीलता से युक्त
अब इस क्षेत्र में किसी भी आपात स्थिति में आईसीजी जहाज कुछ ही मिनटों में तैनात हो सकेंगे।
अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक दृष्टिकोण
भारत के एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक रणनीति के संदर्भ में भी यह जेटी एक अहम आधारभूत ढांचा बनकर उभर सकती है।
- यह बंदरगाह और जेटी अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों के सुरक्षा नेटवर्क को और मजबूत बनाएंगे
- भारत की नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) और मेक इन इंडिया अभियान में भी योगदान मिलेगा
स्थानीय भागीदारी और समावेशिता
इस परियोजना में न केवल केंद्र सरकार, बल्कि राज्य सरकार और निजी संस्थानों की भी महत्त्वपूर्ण भागीदारी रही।
- विझिनजाम इंटरनेशनल सीपोर्ट लिमिटेड और अदानी पोर्ट्स का तकनीकी सहयोग
- मत्स्य विभाग की भागीदारी से तटीय समुदायों को संरक्षण मिलेगा
- स्थानीय युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर भी मिल सकते हैं
आगे की संभावनाएं
आईसीजी अब इस क्षेत्र में रेडार, गश्त नाव स्टेशन और आपातकालीन ऑपरेशन सेंटर की योजना बना रही है।
- इससे समुद्री सीमा पर चौकसी और मजबूत होगी
- भारतीय नौसेना और मरीन पुलिस के साथ बेहतर समन्वय संभव होगा
- मछुआरों और तटीय समुदायों की सुरक्षा और सहायता प्रणाली को और सशक्त किया जाएगा
भारतीय तटरक्षक बल विझिनजाम जेटी उद्घाटन के माध्यम से एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो न केवल सामरिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि भारत के तटीय विकास और समुद्री शक्ति को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाने की दिशा में अग्रसर है।
यह सुविधा आने वाले वर्षों में भारत की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित, प्रतिक्रियाशील और समन्वित बनाए रखने में केंद्रीय भूमिका निभाएगी।