भारत में 2024 में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में जबरदस्त उछाल
“वर्ष 2024 भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए उल्लेखनीय रहा, जिसमें करीब 42,071 नए होटल कमरे जोड़े गए। JLL (जोंस लैंग लासेल) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष होटल क्षेत्र में 25 बड़ी डील्स संपन्न हुईं। इन डील्स में बिजनेस और पर्यटन दोनों प्रकार के स्थानों को शामिल किया गया है।“
हाई-नेट-वर्थ व्यक्तियों और निजी निवेशकों का प्रभाव
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में लेनदेन की सबसे बड़ी हिस्सेदारी हाई-नेट-वर्थ व्यक्तियों (HNIs), फैमिली ऑफिस और प्राइवेट होटल मालिकों की रही, जिन्होंने कुल डील वॉल्यूम में 51 प्रतिशत का योगदान दिया। वहीं, लिस्टेड होटल कंपनियों ने 34%, मालिक-संचालकों ने 8% और रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 7% का हिस्सा निभाया। यह विविधता बताती है कि यह क्षेत्र निवेशकों के लिए कितना आकर्षक बन चुका है।
टियर 2 और 3 शहरों में तेजी से बढ़ा निवेश
रिपोर्ट के अनुसार, टियर 2 और टियर 3 शहरों की ओर रुझान तेजी से बढ़ा है। करीब 50% होटल डील्स इन शहरों में हुईं, जिससे अमृतसर, मथुरा, बीकानेर जैसे छोटे शहरों में भी गुणवत्तापूर्ण होटल सुविधाएं विकसित हो रही हैं। इससे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की पहुंच व्यापक होती जा रही है।
मजबूत शुरुआत के साथ 2025 की पहली तिमाही
JLL हॉस्पिटैलिटी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर जयदीप डांग के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में चेन्नई और गोवा में दो प्रमुख डील्स हुई हैं। उन्होंने कहा कि परिचालन परिसंपत्तियों और भूमि पार्सल के लिए निवेशकों की रुचि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की मजबूती को दर्शाती है। यह वृद्धि न केवल अर्थव्यवस्था और वाणिज्यिक विकास बल्कि सरकारी प्रोत्साहन से भी प्रेरित है।
ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स में भारी वृद्धि
2024 में ग्रीनफील्ड होटल प्रोजेक्ट्स की संख्या 28,281 रही, जो 2023 में दर्ज 13,600 के आंकड़े को दोगुने से अधिक दर्शाता है। यह स्पष्ट करता है कि होटल डेवलपर्स का इस क्षेत्र में स्थायी विश्वास लगातार बढ़ रहा है। इससे दीर्घकालिक निवेश और इनोवेशन को बल मिल रहा है।
मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स का रहा दबदबा
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में साइन किए गए कुल होटल अनुबंधों में से 81% मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट, 14% फ्रेंचाइज़ी, और 5% लीज या रेवेन्यू शेयरिंग एग्रीमेंट्स थे। यह ट्रेंड हॉस्पिटैलिटी व्यवसाय के स्वरूप में हो रहे बदलाव की पुष्टि करता है।
भारत का हॉस्पिटैलिटी सेक्टर 2024 में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा और 2025 की शुरुआत से ही इसमें और अधिक विकास और निवेश की उम्मीदें जताई जा रही हैं। स्थानीयकरण, छोटे शहरों की भागीदारी और ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स की बढ़ती संख्या से यह स्पष्ट होता है कि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री भारत की आर्थिक रीढ़ बनने की ओर अग्रसर है।