11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: भारतीय सेना ने सियाचिन से लेकर देश के कोने-कोने में योग का उत्सव मनाया
“11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 भारतीय सेना ने पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की थीम पर मनाया। इस दिन का सबसे खास आयोजन सियाचिन के दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में हुआ, जहां जवानों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और बच्चों ने एक साथ योगाभ्यास किया। भारतीय सेना ने अपनी आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “सियाचिन से लेकर देश के हर मौसम और क्षेत्र में हमने योग को अपनाया। यह दिवस सिर्फ अभ्यास का नहीं, बल्कि जीवनशैली में योग को शामिल करने का प्रतीक है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उधमपुर में सेना के साथ योग किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान के 2,500 जवानों के साथ योग सत्र में भाग लिया। उन्होंने कहा, “योग सिर्फ स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि मानसिक स्पष्टता और अनुशासन बढ़ाने का एक रणनीतिक अभ्यास भी है, जो अभियानों जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी उपयोगी साबित हुआ है।” रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की सराहना भी की।
लेह और अरुणाचल प्रदेश में ऊंचाई पर योगाभ्यास
लेह के पास पेंगोंग झील के किनारे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने 14,100 से 14,200 फीट की ऊंचाई पर योगाभ्यास किया। 54वीं बटालियन ने योग दिवस से पहले भी योग सत्र आयोजित किए। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में ITBP के 4वीं कोर द्वारा 12,000 फीट से ऊपर योग और सफाई अभियान चलाया गया। यह साबित करता है कि भारतीय सेना योग को अपने नियमित प्रशिक्षण और जीवन का हिस्सा बनाकर मानसिक और शारीरिक स्थिति को मजबूत करती है।
तटीय क्षेत्रों में भारतीय तट रक्षक बल और भारतीय नौसेना का योग सत्र
पूर्वी समुद्री क्षेत्र में भारतीय तट रक्षक बल ने विशाखापत्तनम में योग सत्र आयोजित किया, जबकि तटीय तमिलनाडु में तटरक्षक पोत ‘रानी अब्बक्का’ के कर्मियों ने भी योग किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय नौसेना के जहाज भी किनारे पर तैनात रहे, जिससे कार्यक्रम की भव्यता और बढ़ी। प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी इस आयोजन में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: योग को मानवता के लिए एकजुटता का माध्यम बनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा, “मैं दुनिया के सभी देशों से अपील करता हूं कि योग को केवल एक व्यक्तिगत या सांस्कृतिक अभ्यास न मानें, बल्कि इसे मानवता के लिए एकजुटता का माध्यम बनाएं। यह आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बना सकता है।” प्रधानमंत्री मोदी ने इस आयोजन की सफलता पर भारत के प्रयासों को सराहा और योग को समाज की सामूहिक भलाई का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गांवों के साथ योग दिवस
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में कृष्णा घाटी ब्रिगेड की बालनोई बटालियन ने सीमावर्ती गांवों के लोगों के साथ योग दिवस मनाया। इसमें बालनोई, दाद सगरा और मानकोट गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। एक स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ चौधरी ने कहा, “यह आयोजन ऑपरेशन सिंदूर के बाद का सबसे बड़ा कार्यक्रम था।” सामाजिक कार्यकर्ता मोइन आफताब खान ने कहा कि सेना का यह प्रयास गांवों को जोड़ने और योग को जन-जन तक पहुंचाने में बहुत प्रभावी है।
योग और सेना का सामूहिक प्रयास:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपका साहस पूरे देश में सराहा जाता है। योग तनाव और बेचैनी से लड़ने में आज के दौर में एक शक्तिशाली समाधान है।” योग के इस सामूहिक प्रयास से यह साबित हो गया कि सेना केवल शारीरिक रूप से नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से भी सशक्त है।
11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर भारतीय सेना ने सियाचिन से लेकर तटीय क्षेत्रों तक योग का आयोजन कर यह साबित किया कि योग भारत की संस्कृति और सैन्य नीति का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह आयोजन दुनिया भर में योग की शक्ति और सामूहिकता को और भी अधिक सशक्त बना रहा है।