ईरान ने अमेरिका पर परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, ट्रंप ने हमलों को ‘सफल ऑपरेशन’ कहा
विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने आज, रविवार, को अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का ‘घोर उल्लंघन’ किया है। यह आरोप अमेरिकी सेना द्वारा ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर सटीक सैन्य हमले के बाद आया है।
अराघची की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शनिवार देर रात दिए गए संबोधन के बाद आई, जिसमें ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर फोर्डो, नतांज और एस्फाहान परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं।
‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन’
अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन किया है।” उन्होंने इसे “बहुत खतरनाक, अवैध और आपराधिक” बताया और कहा, “इसका असर हमेशा के लिए रहेगा। दुनिया के हर देश को इसकी चिंता होनी चाहिए।”
ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार प्राप्त है, और वह अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए हर विकल्प अपनाएगा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का हवाला देते हुए कहा, “हमारे पास आत्मरक्षा का अधिकार है, और ईरान अपने लोगों, संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।”
‘सफल ऑपरेशन’ और ईरान की परमाणु क्षमता को खत्म करने की योजना
डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को अपने संबोधन में अमेरिकी सेना के इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा, “हमने ईरान में तीन परमाणु साइट्स—फोर्डो, नतांज और एस्फाहान—पर बहुत सफल हमला किया है। हमलों के बाद सभी प्लेन अब ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं। हमारी सेना को बधाई।” ट्रंप ने इसे “इतिहास का सबसे प्रभावी ऑपरेशन” बताया और कहा, “यह ऑपरेशन अमेरिकी सेना और इजरायल के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।”
ट्रंप ने कहा, “यह हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को कमजोर करना और दुनिया में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना है।”
‘ईरान के लिए शांति या त्रासदी’
ट्रंप ने कहा, “यह जारी नहीं रह सकता। ईरान के लिए शांति होगी या त्रासदी। पिछले आठ दिनों में जो देखा है, उससे कहीं ज्यादा बड़ा नुकसान हो सकता है। हमें उम्मीद है कि अब ईरान परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने के लिए सहमत होगा।” उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का धन्यवाद किया और कहा, “हमने मिलकर इस भयानक खतरे को खत्म करने में बड़ी प्रगति की है।”
इजरायल और अमेरिका का सहयोग:
इजरायल और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर प्रोग्राम पर हुए सैन्य हमलों में इजरायल का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अपने संबंधों को और भी मजबूत बताया और कहा, “हमने एक टीम के रूप में काम किया, जैसा पहले कभी नहीं किया गया।”
ईरान पर हुए अमेरिकी हमले ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून, और परमाणु अप्रसार संधि के उल्लंघन का मामला खड़ा कर दिया है। ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव से मध्य पूर्व क्षेत्र में न्यूक्लियर विवाद की गंभीर स्थिति बन गई है। इन घटनाओं ने वैश्विक सुरक्षा और कूटनीतिक प्रयासों को भी प्रभावित किया है, जो आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और सुरक्षा नीति पर असर डाल सकते हैं।