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विदेश मंत्री जयशंकर ने बांग्लादेश को दी दो टूक चेतावनी – आतंकवाद को सामान्य न बनने दें

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से स्पष्ट शब्दों में कहा कि ढाका को आतंकवाद को सामान्य नहीं बनने देना चाहिए। यह खुलासा विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को किया।

मस्कट में हुई बैठक, आतंकवाद और द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा

विदेश मंत्री जयशंकर और बांग्लादेशी विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन की यह बैठक इस सप्ताह की शुरुआत में मस्कट में हुई थी। बैठक के बाद विदेश मंत्री ने बयान दिया कि बातचीत मुख्य रूप से भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों और बिम्सटेक (BIMSTEC) सहयोग पर केंद्रित थी

बांग्लादेशी पक्ष ने इस दौरान दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की स्थायी समिति की बैठक आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया और भारत से इस पर विचार करने का आग्रह किया।

भारत का स्पष्ट संदेश – आतंकवाद को न करें सामान्य

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को इस चर्चा पर बात करते हुए कहा,
“यह स्पष्ट है कि दक्षिण एशिया में हर कोई जानता है कि कौन सा देश और कौन सी गतिविधियां सार्क (SAARC) को बाधित करने के लिए जिम्मेदार हैं। विदेश मंत्री ने इस दौरान बांग्लादेश को स्पष्ट रूप से संदेश दिया कि उसे आतंकवाद को सामान्य नहीं बनने देना चाहिए।”

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन पर भी हुई चर्चा

बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक इस बैठक में आगामी बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन को लेकर भी बातचीत हुई। यह 2-4 अप्रैल 2025 को थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित होगा, जहां बांग्लादेश बिम्सटेक का नया अध्यक्ष पदभार संभालेगा।

बैठक में बांग्लादेश के प्रमुख अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित मुलाकात पर भी चर्चा हुई।

भारत-बांग्लादेश संबंध और बढ़ती चुनौतियां

आतंकवाद का खतरा – भारत और बांग्लादेश के बीच आतंकवाद और कट्टरपंथी संगठनों के बढ़ते प्रभाव को लेकर पहले भी कई बार चर्चा हो चुकी है।

सार्क (SAARC) का भविष्य – भारत लंबे समय से यह स्पष्ट करता रहा है कि सार्क का भविष्य पाकिस्तान के रवैये पर निर्भर करता है, जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

बिम्सटेक (BIMSTEC) पर ध्यान – सार्क के प्रभावी न होने के कारण भारत बिम्सटेक को मजबूत करने पर जोर दे रहा है, जिसमें बांग्लादेश की भूमिका अहम होगी।

व्यापार और कूटनीतिक संबंध – भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन कुछ राजनीतिक और सुरक्षा चिंताएं बनी हुई हैं।

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