छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
“ रेखा गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। इसी दौरान उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर राजनीतिक सफर की शुरुआत की।
वर्ष 1996-97 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं, जहां उन्होंने छात्रों के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया।“
नगर निगम से मुख्यमंत्री पद तक का सफर
2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पहली बार पार्षद बनीं। इस दौरान उन्होंने पुस्तकालय, पार्क, स्विमिंग पूल और महिला कल्याण से जुड़े कई विकास कार्य किए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी सक्रिय रूप से जुड़ी रही हैं।
भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य रह चुकी हैं।
2025 विधानसभा चुनाव में उन्होंने शालीमार बाग सीट से ‘आप’ की बंदना कुमारी को 29,595 मतों से हराया।
रेखा गुप्ता की प्रमुख योजनाएं और उपलब्धियां
सुमेधा योजना – आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान की।
महिला सशक्तिकरण अभियान – महिला कल्याण और बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में महिलाओं के अधिकारों को मजबूत किया।
शहरी विकास योजनाएं – दिल्ली में बेहतर परिवहन, जल प्रबंधन और महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया।
समाज सेवा में सक्रिय भागीदारी – गरीब और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ काम किया।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी
20 फरवरी को रामलीला मैदान में दोपहर 12 बजे होगा शपथ ग्रहण समारोह।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता समारोह में होंगे शामिल।
भाजपा ने जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को इस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
रेखा गुप्ता का दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनना ऐतिहासिक क्षण है।
उनकी प्रशासनिक क्षमताएं और समाज सेवा में उनकी भागीदारी दिल्ली को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी।
अब देखना होगा कि वह अपने कार्यकाल में दिल्ली के नागरिकों की समस्याओं को हल करने के लिए क्या बड़े फैसले लेती हैं।