झारखंड को मिला बड़ा रेल प्रोजेक्ट: कोडरमा-बरकाकाना रेलवे दोहरीकरण को मिली मंजूरी, 15 लाख लोगों को होगा लाभ
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में झारखंड को बड़ी सौगात मिली है। केंद्र सरकार ने कोडरमा से बरकाकाना के बीच रेलवे लाइन के दोहरीकरण की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना पर कुल 3,063 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे झारखंड के चार जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।“
कोडरमा बरकाकाना रेलवे दोहरीकरण: झारखंड के विकास का नया मार्ग
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना झारखंड के कोडरमा, चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ जिलों से होकर गुजरेगी। इसके साथ ही बिहार की राजधानी पटना और झारखंड की राजधानी रांची के बीच का रेल संपर्क और अधिक सुगम हो जाएगा।
कोडरमा बरकाकाना रेलवे दोहरीकरण का क्षेत्रीय प्रभाव
परियोजना की मुख्य विशेषताएं और आंकड़े
विशेषता | विवरण |
---|---|
परियोजना लागत | ₹3,063 करोड़ |
कुल दूरी | 133 किलोमीटर |
लाभान्वित जिले | कोडरमा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ |
लाभान्वित गांव | 938 गांव |
लाभान्वित जनसंख्या | लगभग 15 लाख |
अनुमानित माल ढुलाई | 30.4 मिलियन टन प्रतिवर्ष |
डीजल की अनुमानित बचत | 32 करोड़ लीटर प्रति वर्ष |
CO₂ उत्सर्जन में कमी | 7 करोड़ पेड़ों के बराबर |
रेल संपर्क से जुड़ेंगे 938 गांव, सुधरेगी जीवन गुणवत्ता
रेल मंत्री के अनुसार, इस दोहरीकरण से 938 गांवों की 15 लाख आबादी को कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक लोगों की पहुंच आसान होगी।
पर्यावरण संरक्षण में बड़ी भूमिका
यह परियोजना केवल यातायात ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी वरदान साबित होगी। सड़क परिवहन की तुलना में रेलवे अधिक इको-फ्रेंडली होता है।
रेल मंत्री ने कहा:
“अगर इतनी मात्रा में माल ढुलाई सड़क से होती, तो सालाना 32 करोड़ लीटर डीजल की खपत होती। इससे बचने से जो कार्बन उत्सर्जन कम होगा, वह 7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।”
बिजनेस और टूरिज्म को मिलेगा बल
रेल दोहरीकरण से बढ़ेगा व्यापार
यह रूट कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट, उर्वरक, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम पदार्थों की ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण है। इससे झारखंड और बिहार के बीच व्यापार को गति मिलेगी और लॉजिस्टिक लागत घटेगी।
पर्यटन में संभावनाएँ
पटना, रांची, देवघर, बोधगया जैसे धार्मिक और पर्यटक स्थलों के लिए यह रूट आसान और तेज़ पहुँच देगा, जिससे पर्यटन क्षेत्र में भी वृद्धि की उम्मीद है।
बुनियादी ढांचे का विस्तार: पुल और अंडरब्रिज भी होंगे शामिल
इस परियोजना में निम्न निर्माण कार्य शामिल हैं:
- 17 बड़े पुल
- 180 छोटे पुल
- 42 आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज)
- 13 आरयूबी (रेलवे अंडर ब्रिज)
ये कार्य सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण और टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवश्यक हैं।
बेल्लारी-चिकजाजुर परियोजना को भी मिली मंजूरी
कोडरमा-बरकाकाना के साथ ही सरकार ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरने वाली बेल्लारी-चिकजाजुर रेलवे दोहरीकरण परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना की लागत 3,342 करोड़ रुपये होगी और यह क्षेत्रीय विकास में सहायक बनेगी।
प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा रेलवे सुधार
लवे मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रेलवे को एक मॉडर्न, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधन बनाने की दिशा में ठोस कार्य हो रहा है।