NationalNews

महाकुंभ 2025: 144 साल बाद दिव्य संयोग, शाही स्नान की तैयारियों पर तेरहों अखाड़ों ने की चर्चा

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के शाही स्नान को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार महाकुंभ का आयोजन 144 साल बाद एक दिव्य संयोग के तहत हो रहा है। सोमवार की शाम निरंजनी अखाड़े की छावनी में तेरहों अखाड़ों के प्रमुख संतों ने बैठक की और शाही स्नान की पेशवाई में शामिल होने वाले संसाधनों को लेकर गहन चर्चा की। इस बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने की।”

महाकुंभ: भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण आयोजन

महंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में चार प्रमुख स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। उन्होंने कहा, “इस बार का महाकुंभ बहुत ही विशेष है क्योंकि ऐसा दिव्य संयोग 144 वर्षों के बाद बन रहा है। पूरा मेला क्षेत्र भगवामय हो गया है और हमारी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं ताकि महाकुंभ बिना किसी वाद-विवाद के सकुशल संपन्न हो सके।”

शाही स्नान का क्रम और विशेष तैयारियां

महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि इस बार शाही स्नान में भारी वाहन, हाथी और ऊंटों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। शाही पेशवाई में केवल वही संसाधन शामिल होंगे जिनमें महामंडलेश्वर और महंत आराम से बैठ सकें। उन्होंने शाही स्नान के क्रम की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले निर्वाणी और अटल अखाड़ा स्नान करेंगे। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़े का स्नान होगा।

इसके बाद जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा स्नान करेंगे और अंत में बैरागी संप्रदाय के तीनों अखाड़े स्नान करेंगे।

दिव्य संयोग का महत्व

महाकुंभ 2025 का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस आयोजन के माध्यम से दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं और संगम में पवित्र डुबकी लगाकर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं।

महाकुंभ 2025 के शाही स्नान की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। तेरहों अखाड़ों के प्रमुख संतों ने इसे सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार की है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का प्रतीक है और इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *