मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा
“गृह मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की घोषणा की। यह निर्णय राज्य में जारी जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए लिया गया। अधिसूचना के अनुसार, राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को सौंपी गई रिपोर्ट और अन्य सूचनाओं के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि मणिपुर की सरकार संविधान के अनुरूप कार्य करने में असमर्थ हो गई थी।“
राष्ट्रपति शासन के पीछे मुख्य कारण
मणिपुर में पिछले दो वर्षों से जातीय हिंसा जारी है, खासकर मैतेई और कुकी-जो-हमार समुदायों के बीच।
राज्य में प्रशासनिक तंत्र विफल हो गया, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सत्ता का नेतृत्व अनिश्चित हो गया।
भाजपा विधायक दल में नए नेता के चयन की प्रक्रिया लंबी खिंचती जा रही थी।
अधिसूचना में क्या कहा गया?
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में स्पष्ट किया गया कि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है।
इसका मतलब है कि अब राज्य की सारी शक्तियां राष्ट्रपति के अधीन होंगी और राज्यपाल केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत प्रशासन चलाएंगे।
राज्य विधानसभा की शक्तियां निलंबित रहेंगी और संसद के माध्यम से कानून बनाए जाएंगे।
केंद्र सरकार अब राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने और स्थिरता लाने के लिए कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बढ़ते दबाव के बीच इस्तीफा दे दिया।
भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने मंत्रियों, विधायकों और अन्य नेताओं के साथ बैठकें कीं, लेकिन नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका।
विधायक दल के नए नेता के चयन के लिए भाजपा में मंथन जारी है।
जातीय हिंसा और अशांति बनी राष्ट्रपति शासन की बड़ी वजह
मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो-हमार समुदायों के बीच लंबे समय से जातीय हिंसा जारी है।
यह हिंसा मई 2023 में बड़े पैमाने पर भड़क उठी थी, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई और हजारों बेघर हो गए।
कई बार केंद्र और राज्य सरकार ने शांति स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला।
अशांति और राजनीतिक अस्थिरता के कारण राष्ट्रपति शासन को अनिवार्य माना गया।
अब क्या होगा?
राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र सरकार मणिपुर में हालात सुधारने पर काम करेगी।
भाजपा जल्द ही नया मुख्यमंत्री नियुक्त करेगी, जो राज्य में स्थिरता लाने के प्रयास करेगा।
जातीय हिंसा को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर सकती है।
संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति शासन छह महीने तक लागू रहेगा और आवश्यकता पड़ने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।