मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई के लिए सरकार की नई योजना, 100 करोड़ तक लोन की सुविधा
“माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई (MCGS-MSME) के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत मशीनरी और उपकरणों की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये तक के लोन की सुविधा मिलेगी।“
योजना के प्रमुख बिंदु
✅ 100 करोड़ रुपये तक का लोन – मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई को प्लांट और मशीनरी या उपकरण की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
✅ 60% गारंटी कवरेज – योजना के तहत राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC), सदस्य ऋण संस्थानों (MLI) को 60% गारंटी कवरेज प्रदान करेगा।
✅ ऋण पात्रता – लोन प्राप्त करने के लिए एमएसएमई को मान्य उद्यम पंजीकरण संख्या होना आवश्यक है और योजना के अंतर्गत आने वाली परियोजना की कुल लागत का कम से कम 75% मशीनरी पर खर्च होना चाहिए।
✅ रिपेमेंट टर्म्स –
50 करोड़ रुपये तक के लोन के लिए पुनर्भुगतान अवधि 8 वर्ष तक होगी।
मूल किस्तों के लिए 2 साल तक का मोरेटोरियम पीरियड।
50 करोड़ रुपये से अधिक के लोन के लिए अधिक पुनर्भुगतान अवधि और मोरेटोरियम पीरियड पर विचार किया जा सकता है।
✅ योजना की समय सीमा – यह योजना चार साल की अवधि तक जारी रहेगी या जब तक संचयी रूप से 7 लाख करोड़ रुपये की गारंटी जारी नहीं हो जाती, जो भी पहले हो।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को कैसे मिलेगा लाभ?
📌 मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का जीडीपी में योगदान 17% है और इस सेक्टर में 2.7 करोड़ से अधिक लोग काम करते हैं।
📌 इस योजना से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा जिससे अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
📌 यह योजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी।
📌 नई मशीनरी और तकनीक से एमएसएमई को अपनी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई को दी गई यह वित्तीय सहायता सेक्टर की मजबूती के लिए एक बड़ा कदम है। 100 करोड़ रुपये तक के लोन और 60% गारंटी कवरेज से नए स्टार्टअप और छोटे उद्योगों को फायदा मिलेगा।