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मोदी सरकार में नारी शक्ति बनी देश की प्रगति की रीढ़, सशक्तिकरण की राह पर ऐतिहासिक कदम

“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः” — जहां नारी का सम्मान होता है, वहां ईश्वर का वास होता है। इस प्राचीन संस्कार को आधुनिक भारत में नई ऊर्जा मिली है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर रहा है। सरकार ने विभिन्न योजनाओं और नीति-निर्माण के ज़रिए महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से मज़बूत करने के लिए प्रभावशाली कदम उठाए हैं।

नारी शक्ति: भारत की प्रगति की प्रेरणा

प्रधानमंत्री मोदी का विज़न “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” नारी शक्ति को केंद्र में रखकर एक समावेशी भारत की नींव रखता है। उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि महिलाएं देश के विकास की समान भागीदार बनें — चाहे बात शिक्षा की हो, स्वावलंबन की हो या फिर राजनीतिक नेतृत्व की।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: सामाजिक बदलाव की आधारशिला

2015 में शुरू की गई ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (BBBP) योजना एक क्रांतिकारी पहल रही है। इस योजना का उद्देश्य न केवल बाल लिंग अनुपात में सुधार करना था, बल्कि लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति को भी बेहतर बनाना था।

प्रमुख उपलब्धियां:

  • जन्म के समय लिंग अनुपात में सुधार: हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बाल लिंग अनुपात में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।
  • शैक्षिक नामांकन में बढ़ोतरी: लड़कियों के स्कूलों में नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, विशेषकर माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तर पर।
  • 2024 का विस्तार: इस योजना को अब STEM शिक्षा (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित) में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में विस्तारित किया गया है।

सरकार ने इस क्षेत्र में विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं भी शुरू की हैं ताकि लड़कियां भविष्य के लिए तैयार पेशेवर क्षेत्रों में अपना स्थान बना सकें।

महिला उद्यमिता को नई उड़ान: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), 2015 में शुरू की गई एक ऐसी योजना है जिसने लाखों महिला उद्यमियों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। यह योजना बिना गारंटी के लोन प्रदान करती है, जिससे महिलाएं अपना व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।

मुख्य लाभ:

  • वित्तीय स्वतंत्रता: महिलाएं अपने दम पर व्यवसाय स्थापित कर रही हैं।
  • रोजगार सृजन: स्वयं उद्यमी बनने के साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी काम दे रही हैं।
  • समाज में नेतृत्व की भूमिका: महिलाएं अब आर्थिक निर्णयों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम: राजनीतिक प्रतिनिधित्व की नई राह

2023 में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी में समुचित प्रतिनिधित्व देने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय था। इस अधिनियम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है।

यह कदम न केवल राजनीति में लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है, बल्कि यह नीति-निर्माण में महिलाओं की निर्णायक भूमिका को भी स्थापित करता है।

बहुआयामी दृष्टिकोण: स्वास्थ्य, डिजिटल सशक्तिकरण और सुरक्षा

मोदी सरकार ने महिला सशक्तिकरण को केवल एक योजना तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे स्वास्थ्य सेवाएं, डिजिटल पहुंच, और महिला सुरक्षा से भी जोड़ा है।

प्रमुख पहलें:

  • जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा।
  • उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन देकर रसोई से धुएं की मुक्ति।
  • सुखद और सुरक्षित कार्यस्थलों के लिए POSH अधिनियम को सख्ती से लागू करना।

डिजिटल इंडिया में नारी शक्ति की भूमिका

डिजिटल इंडिया मिशन के तहत महिलाओं को डिजिटल दुनिया से जोड़ने का कार्य भी सराहनीय रहा है। डिजिटल साक्षरता मिशन, डिजिटल लोन एप्स, और ऑनलाइन स्किलिंग प्रोग्राम्स ने महिलाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

मोदी सरकार की योजनाओं और नीतियों ने महिला सशक्तिकरण को केवल एक नारा नहीं, बल्कि व्यावहारिक, संरचित और दूरदर्शी आंदोलन में बदल दिया है। शिक्षा से लेकर राजनीति तक, स्वास्थ्य से लेकर व्यवसाय तक — “नारी शक्ति” आज भारत की प्रगति की मजबूत रीढ़ बन चुकी है।

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