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इंडोनेशिया के माउंट लेवोटोबी ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट, राख का गुबार 3,500 मीटर तक फैला

इंडोनेशिया एक बार फिर अपने सक्रिय ज्वालामुखियों की विनाशकारी ताकत से जूझ रहा है। पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में स्थित माउंट लेवोटोबी ज्वालामुखी में विस्फोट होने से इलाके में अफरातफरी का माहौल बन गया है। बुधवार को हुए इस विस्फोट के बाद आकाश में घना 3,500 मीटर ऊंचा राख का गुबार फैल गया, जिसने पूरे क्षेत्र को ढक लिया।

इस खतरनाक स्थिति को देखते हुए विमान सेवाओं के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सख्त हिदायत दी गई है।

माउंट लेवोटोबी में विस्फोट की प्रमुख जानकारी

  • स्थान: पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत, इंडोनेशिया
  • घटना: ज्वालामुखी में जोरदार विस्फोट
  • राख की ऊंचाई: लगभग 3,500 मीटर
  • जारी चेतावनी: ऑरेंज अलर्ट
  • सावधानी: 6 किलोमीटर के दायरे में प्रतिबंध

माउंट लेवोटोबी ज्वालामुखी में विस्फोट से विमान सेवाओं पर असर

विमानन सुरक्षा एजेंसियों ने पायलटों को चेताया है कि वे 5,000 मीटर से नीचे की ऊंचाई पर माउंट लेवोटोबी के आसपास उड़ान न भरें। ज्वालामुखीय राख इंजन में घुसकर तकनीकी खराबी उत्पन्न कर सकती है, जिससे हवाई दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।

इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाली घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को वैकल्पिक रूट अपनाने की सलाह दी गई है।

स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए दिशा-निर्देश

प्रशासन ने ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले लोगों को विशेष निर्देश जारी किए हैं:

  • 6 किलोमीटर के भीतर कोई गतिविधि न करें
  • मुंह और नाक को मास्क या कपड़े से ढकें
  • बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रखें
  • संक्रमण और सांस की बीमारियों से बचने के लिए एहतियात बरतें

माउंट लेवोटोबी: एक सक्रिय ज्वालामुखी का परिचय

माउंट लेवोटोबी, इंडोनेशिया के 127 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है। इसकी ऊंचाई 1,584 मीटर है और यह नियमित अंतराल पर सक्रियता दिखाता रहा है।

इससे पहले 20 मार्च 2025 को भी इस ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था, जिसमें 8,000 मीटर तक राख का स्तंभ आकाश में पहुंचा था। उस समय प्रशासन को अलर्ट स्तर को उच्चतम श्रेणी तक बढ़ाना पड़ा था।

इंडोनेशिया का ज्वालामुखीय भूगोल

इंडोनेशिया को “रिंग ऑफ फायर” का हिस्सा माना जाता है, जहां टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियां बहुत अधिक होती हैं। यही वजह है कि यहां ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप की घटनाएं सामान्य हैं।

हर साल देश के अलग-अलग हिस्सों में ज्वालामुखीय गतिविधि दर्ज की जाती है, जिससे पर्यावरण, आवागमन और जनजीवन पर व्यापक असर पड़ता है।

ज्वालामुखी विस्फोट से होने वाले स्वास्थ्य खतरे

माउंट लेवोटोबी ज्वालामुखी में विस्फोट से पैदा हुई राख केवल दृश्यता को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि यह स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती है

राख में मौजूद सूक्ष्म कणों के कारण:

  • श्वास संबंधी समस्याएं
  • फेफड़ों में जलन
  • आंखों में खुजली और लालपन
  • त्वचा पर जलन हो सकती है

इसलिए मास्क पहनना, आंखों को ढंकना और पानी का अधिक सेवन करना जरूरी बताया गया है।

सरकारी एजेंसियों की तैयारी और प्रतिक्रिया

इंडोनेशियाई आपदा प्रबंधन एजेंसी (BNPB) और ज्वालामुखी निगरानी केंद्र लगातार माउंट लेवोटोबी की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए हैं। विशेषज्ञों की टीमें क्षेत्र में मौजूद हैं और राहत कार्यों के लिए तैनात कर दी गई हैं।

साथ ही, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में इमरजेंसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं ताकि जरूरतमंदों को तुरंत चिकित्सा सहायता दी जा सके।

पर्यटकों के लिए एडवाइजरी

ज्वालामुखी क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है, लेकिन विस्फोट के बाद सरकार ने पर्यटकों से यात्रा स्थगित करने की अपील की है। ट्रैकिंग, पर्वतारोहण और अन्य साहसिक गतिविधियां फिलहाल रोक दी गई हैं

माउंट लेवोटोबी ज्वालामुखी में विस्फोट ने एक बार फिर यह दिखाया कि प्रकृति कितनी शक्तिशाली और अप्रत्याशित हो सकती है। इंडोनेशिया जैसे ज्वालामुखीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को हर समय सतर्क रहने की जरूरत है।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और लोगों की सजगता से बड़ी त्रासदी को टाला जा सकता है। आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य होने तक सभी को सरकारी निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।


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