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उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में, कोहरे और ठंड से जनजीवन प्रभावित

उत्तर भारत के कई राज्य शीतलहर की चपेट में हैं। लगातार गिरते तापमान, घने कोहरे और सर्द हवा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।”

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ठंड का कहर

नए साल की शुरुआत के साथ ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। इन राज्यों में तापमान में गिरावट और गलन ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

  • येलो अलर्ट जारी:
    • उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
    • श्रावस्ती, बहराइच और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

छोटे शहरों और कस्बों में ठंड का असर

फिरोजाबाद और जौनपुर जैसे छोटे शहरों में ठंड ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है। खेत खलिहानों में विजिबिलिटी बेहद खराब है और सुबह-सुबह कोहरे की घनी चादर के कारण जनजीवन ठहर सा गया है।

बुजुर्गों और बच्चों को हो रही परेशानी

ठंड का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और बच्चों पर हो रहा है। इस भयंकर सर्दी ने उनकी सेहत और दैनिक जीवन को काफी प्रभावित किया है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं।

राजस्थान में गलन का प्रकोप

  • राजस्थान के कई हिस्सों में भी शीतलहर का प्रभाव देखा जा रहा है।
  • जयपुर: ठंड के कारण लोग अलाव जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं।
  • सीकर: यहां का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश का सबसे ठंडा इलाका रहा।

पंजाब में कोहरे और बारिश की संभावना

  • पंजाब के कई जिलों में विजिबिलिटी जीरो पर पहुंच गई है।
  • मौसम विभाग ने 4 जनवरी को पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और होशियारपुर में हल्की बारिश की संभावना जताई है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में ठंड के और बढ़ने की संभावना जताई है। हालांकि, तीन जनवरी से उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है, जिससे दिन में लोगों को थोड़ी राहत मिल स

उत्तर भारत में ठंड और कोहरे के कारण जनजीवन प्रभावित है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम हो गई है, और लोग जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। ठंड से बचने के लिए सतर्कता और गर्म कपड़ों का उपयोग जरूरी है। आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव की संभावना को देखते हुए तैयार रहना आवश्यक है।

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