ओला, उबर और रैपिडो के खिलाफ उपभोक्ताओं की बढ़ती नाराजगी
“केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने हाल ही में ओला, उबर और रैपिडो जैसे प्रमुख राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म्स को एक विवादास्पद फीचर के चलते नोटिस जारी किया था। यह फीचर “एडवांस टिपिंग” से जुड़ा है, जिसमें राइड शुरू होने से पहले ही ड्राइवर को टिप देने का विकल्प दिखाई देता है। लेकिन इस फीचर को लेकर यात्रियों की प्रतिक्रिया काफी नकारात्मक रही है।“
क्या है ओला उबर रैपिडो टिपिंग फीचर?
इस फीचर में यात्रियों को राइड बुक करते ही ड्राइवर को टिप देने का विकल्प मिलता है। अधिकतर मामलों में यात्रियों को लगता है कि यह टिप देना अनिवार्य है या बिना स्पष्ट सहमति के खुद ही जुड़ जाती है। इस प्रक्रिया को कई यूजर्स ने भ्रामक (misleading) और अनुचित (unfair) बताया है।
यूजर्स क्यों कर रहे हैं शिकायतें?
- टिप देने का दबाव: कई यात्रियों ने महसूस किया है कि यदि वे टिप नहीं देते हैं, तो ड्राइवर उनकी राइड स्वीकार नहीं करते।
- अनुचित व्यवहार: ड्राइवर कैश की मांग करते हैं, राइड स्वीकार करने से इनकार कर देते हैं, या गंतव्य जानने के बाद ट्रिप कैंसल कर देते हैं।
- राइड से पहले टिप: सामान्यतः टिप सेवा के बाद दी जाती है, लेकिन इस फीचर में यह राइड शुरू होने से पहले मांगी जाती है।
यात्रियों पर क्या असर पड़ा है?
ओला उबर रैपिडो टिपिंग विवाद के कारण यात्रियों में असंतोष बढ़ा है। कई लोगों को लगता है कि वे मनोवैज्ञानिक दबाव में आकर टिप देने को मजबूर हो रहे हैं। इससे इन ऐप्स पर भरोसा कम हो रहा है।
CCPA की भूमिका और कार्रवाई
22 जून तक, CCPA की तरफ से किसी प्रकार का कोई स्पष्ट अपडेट नहीं आया है। इससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की बात कही थी।
किन ऐप्स पर जारी है यह फीचर?
- ओला
- उबर
- रैपिडो
- नम्मा यात्री
इन सभी ऐप्स पर किराया समरी या भुगतान प्रक्रिया के दौरान टिपिंग विकल्प अब भी दिख रहा है।
यात्रियों की राय सोशल मीडिया पर
- एक्स (पूर्व में ट्विटर) और रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स ने कहा कि कभी-कभी टिप अपने आप जुड़ जाती है।
- कुछ लोगों ने लिखा कि “बिना टिप दिए राइड बुक कर पाना मुश्किल है।”
- कुछ यूजर्स ने इसे एक प्रकार का छिपा हुआ चार्ज कहा।
सबसे पहले किसने शुरू किया यह सिस्टम?
माना जाता है कि नम्मा यात्री ऐप ने सबसे पहले बेंगलुरु में यह टिपिंग सिस्टम शुरू किया। इसके बाद ओला, उबर और रैपिडो ने भी यह प्रक्रिया लागू कर दी। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि CCPA ने नम्मा यात्री को कोई आधिकारिक नोटिस भेजा है या नहीं।
कंपनियों की चुप्पी
अब तक ओला, उबर, रैपिडो, नम्मा यात्री और CCPA में से किसी ने भी इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह चुप्पी यात्रियों के संदेह को और मजबूत करती है।
क्या कहता है उपभोक्ता कानून?
भारतीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत किसी भी सेवा प्रदाता को उपभोक्ता को गुमराह करने की अनुमति नहीं है। यदि किसी फीचर से उपभोक्ता को धोखा होता है या स्पष्ट जानकारी नहीं दी जाती है, तो यह कानून का उल्लंघन है।
उपभोक्ता क्या कर सकते हैं?
- CCPA में शिकायत दर्ज करें।
- RTI के माध्यम से जानकारी मांगें।
- सोशल मीडिया पर जागरूकता बढ़ाएं।
- ऐसे ऐप्स को रेटिंग और रिव्यू के माध्यम से फीडबैक दें।
ओला उबर रैपिडो टिपिंग विवाद एक गंभीर उपभोक्ता मुद्दा बन चुका है। यह केवल टिपिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐप्स की पारदर्शिता, उपभोक्ता अधिकार और डिजिटल एथिक्स से भी जुड़ा है।
जब तक CCPA कोई ठोस कदम नहीं उठाती और कंपनियां इस मुद्दे पर खुलकर प्रतिक्रिया नहीं देतीं, तब तक यह विवाद जारी रहेगा।