ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक: एकजुट हुआ पूरा देश
“राजधानी दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य देश के प्रमुख राजनीतिक दलों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति, उद्देश्य और परिणामों की विस्तृत जानकारी देना था।“
बैठक में यह बताया गया कि भारत ने किस प्रकार सीमा पार स्थित आतंकी शिविरों पर जवाबी कार्रवाई करते हुए ठोस सैन्य अभियान चलाया। यह अभियान हाल के वर्षों में किए गए सबसे बड़े सैन्य अभियानों में से एक माना जा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सभी दलों ने दिखाई एकजुटता
बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कई अन्य दलों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। सभी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार और सशस्त्र बलों के साथ पूर्ण समर्थन जताया।
सेना की कार्रवाई पर विपक्ष ने जताया समर्थन
बैठक के दौरान विपक्षी नेताओं ने भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की और आतंकवाद के खिलाफ किए गए इस कदम को सही ठहराया। संसद कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से कहा, “सभी दलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए सरकार का समर्थन किया। सभी ने एक स्वर में आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता जताई।”
राजनाथ सिंह ने बताया ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और उपलब्धि
रक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमापार आतंकी ढांचों और शिविरों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है और यह ऑपरेशन भारत की बदली हुई रक्षा नीति का प्रतीक है।
राहुल गांधी और खड़गे ने दिया सरकार को समर्थन
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा, “हमने सरकार को इस ऑपरेशन में अपना पूरा समर्थन दिया है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और इसमें हम सब एक साथ हैं।”
वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “बैठक में हमें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी गई और हमने सरकार को भरोसा दिलाया कि हम इस मुद्दे पर एकजुट हैं।”
ओवैसी ने टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना करते हुए सरकार से आग्रह किया कि वह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठन घोषित कराने के लिए प्रयास शुरू करे।
उन्होंने कहा, “भारत को टीआरएफ के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाना चाहिए और अमेरिका जैसे देशों का समर्थन प्राप्त करना चाहिए।”
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि यह भारत की नई सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। यह संदेश देता है कि देश अब आतंकवाद के खिलाफ केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की राह पर है।
राजनीतिक परिपक्वता की मिसाल बनी बैठक
बैठक में जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों ने अपनी विचारधारा से ऊपर उठकर एक साझा मंच पर आकर सरकार और सेना का समर्थन किया, वह देश की लोकतांत्रिक मजबूती का संकेत है।
संसदीय मंत्री रिजिजू ने कहा, “यह राजनीतिक परिपक्वता का उदाहरण है कि किसी भी नेता ने सरकार की आलोचना नहीं की, बल्कि सभी ने साथ खड़े होकर एकजुटता दिखाई।”
विदेश नीति और कूटनीति का नया अध्याय
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि भारत को अब केवल रक्षा मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाना चाहिए। टीआरएफ जैसे संगठनों को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की दिशा में अभियान चलाना जरूरी है।