कोटा में ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा: ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को समर्पित जनसम्मान
“भारत के गौरवशाली सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना के शौर्य को सम्मान देने के लिए कोटा में ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा निकाली गई। यह आयोजन “राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु नागरिक कार्यक्रम” के अंतर्गत हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने उत्साह और सम्मान के साथ भाग लिया।“
रामपुरा से तिरंगा यात्रा की शुरुआत: भारत माता को श्रद्धांजलि
इस यात्रा की शुरुआत कोटा के रामपुरा क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक पीपल के पेड़ के पास हुई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यहां भारत माता और शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की और तिरंगा फहराकर यात्रा का शुभारंभ किया।
यह केवल एक रैली नहीं थी, बल्कि राष्ट्र के आत्मसम्मान, बलिदान और गौरव का प्रतीक थी।
ओम बिरला का राष्ट्रभक्ति से भरा संबोधन
इस ऐतिहासिक मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा:
“जब-जब तिरंगा लहराता है, तब-तब हमारी आत्मा और बलिदान की परंपरा भी लहराती है।“
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि यह भारत की नारीशक्ति की रक्षा और सम्मान का भी प्रतीक है।
पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश: भारत अब चुप नहीं बैठेगा
बिरला ने पाकिस्तान को लेकर भी स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा:
“अब भारत की बेटियों की ओर उठी हर नजर का जवाब सीमा पार से मिलेगा।“
यह बयान दर्शाता है कि भारत अब आतंक और अत्याचार के विरुद्ध प्रतिरोध की नीति पर आगे बढ़ चुका है।
जन सहभागिता: तिरंगा यात्रा में उमड़ा जनसमूह
सामाजिक संगठन, युवा और महिलाएं भी शामिल
तिरंगा यात्रा में कोटा शहर के विधायक, पार्षद, सामाजिक संस्थाएं, युवा संगठन, महिलाएं और आम नागरिकों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। लोगों ने हाथों में तिरंगे लेकर भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारों के साथ देशभक्ति का परिचय दिया।
राष्ट्र के प्रति समर्पण का अद्भुत दृश्य
यह आयोजन इस बात का प्रतीक बन गया कि देश की जनता अब केवल सेना या सरकार पर निर्भर नहीं है, बल्कि हर नागरिक राष्ट्रीय सुरक्षा का भागीदार है।
ऑपरेशन सिंदूर तिरंगा यात्रा: आत्मबल और राष्ट्रीय कर्तव्य का संदेश
ओम बिरला ने अपने भाषण में यह भी कहा कि हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन करे। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन वीर सैनिकों के लिए जिन्होंने अपने प्राण मातृभूमि के नाम कर दिए।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत का बदलता रक्षा दृष्टिकोण
सैन्य कार्रवाई से लेकर जनजागरण तक
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं है, यह भारत की नई रक्षा नीति और स्पष्ट रणनीति का प्रतीक है। अब भारत आतंकवाद के विरुद्ध कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर समान रूप से सक्रिय है।
भारत की नारीशक्ति: केंद्र में सम्मान और सुरक्षा
इस रैली में बार-बार नारीशक्ति का उल्लेख यह दर्शाता है कि भारत अब महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता में रख रहा है। तिरंगा यात्रा इस विचार को दर्शाने का माध्यम बनी कि अब भारत की बेटियों की ओर उठी हर नजर का जवाब कड़ा होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु नागरिक सहभागिता का संदेश
तिरंगा यात्रा के माध्यम से यह संदेश भी गया कि देश की सुरक्षा केवल सरकार या सेनाओं का दायित्व नहीं, बल्कि जन-जन की सामूहिक भागीदारी से ही राष्ट्र सशक्त बन सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर तिरंगा यात्रा कोटा में आयोजित होकर केवल एक आयोजन नहीं रहा, यह राष्ट्रीय चरित्र, बलिदान और संकल्प का प्रतीक बन गया। भारत अब आतंकवाद को सहन नहीं करेगा, और हर भारतीय अपने कर्तव्य और निष्ठा से इसे संभव बनाएगा।
यह यात्रा इस बात का प्रमाण थी कि भारत अब सैन्य ताकत के साथ-साथ नागरिक चेतना से भी आतंक के खिलाफ संगठित हो चुका है।