पहलगाम हमले पर भारत सख्त, पाकिस्तान को मिले कड़े संदेश
“जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह अब सख्त कार्रवाई के मूड में है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह केवल किसी एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे देश पर हमला है।“
पहलगाम आतंकी हमला 2024 को लेकर एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया
एकनाथ शिंदे ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पहलगाम हमला अत्यंत दुखद और गंभीर है। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस मुद्दे पर राजनीति न करें क्योंकि यह समय एकजुटता दिखाने का है। उन्होंने कहा, “देश की सीमाओं पर जो जवान तैनात हैं, उनके पीछे खड़े रहना हमारा कर्तव्य है।”
आतंकियों पर सख्त कार्रवाई की मांग
एकनाथ शिंदे ने कहा, “जिन आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। हम आतंक का जवाब आतंक से देंगे और खून का बदला खून से लिया जाएगा।” उन्होंने बताया कि पीड़ितों से मुलाकात के दौरान यह सामने आया कि हमला धर्म पूछकर किया गया था।
पाकिस्तान को लेकर सरकार का रुख
पड़ोसी देश पाकिस्तान को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लिया है और कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि भारत में रहने वाले पाकिस्तानियों को देश छोड़ देना चाहिए। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में निर्णायक कदम उठा रहे हैं।
सिंधु जल संधि पर भी उठे सवाल
एकनाथ शिंदे ने संकेत दिए कि भारत सिंधु जल संधि पर भी पुनर्विचार कर सकता है। इस संधि को लेकर पाकिस्तान को दी जा रही रियायतें अब समाप्त की जा सकती हैं।
पहलगाम हमले के बाद जनता की नाराजगी और सरकार की प्रतिक्रिया
जनता की ओर से भी इस आतंकी हमले को लेकर कड़ा रोष जताया गया है। लोग अब चाहते हैं कि आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाए। शिंदे ने कहा, “हर देशवासी चाहता है कि पाकिस्तान का नामोनिशान मिटा दिया जाए और हमें यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी इस दिशा में निर्णायक कदम उठाएंगे।”
भारत की रक्षा नीति में बदलाव के संकेत
हाल के घटनाक्रम यह संकेत दे रहे हैं कि भारत अब रक्षात्मक नहीं बल्कि सक्रिय रणनीति की ओर बढ़ रहा है। आतंकी हमलों के जवाब में सीमापार कार्रवाई और सैन्य क्षमताओं का विस्तार अब सरकार की प्राथमिकता बन चुकी है।
राफेल डील और सैन्य मजबूती
भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल मरीन जेट्स सौदे को भी पाकिस्तान की बेचैनी का कारण माना जा रहा है। भारत की सैन्य ताकत में हो रहे इज़ाफे को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत अब किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।