पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में 48 पर्यटन स्थल बंद
“जम्मू-कश्मीर सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए घाटी के 48 पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। यह निर्णय हाल ही में पहलगाम के पास बैसरन घास के मैदान में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 25 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।“
पहलगाम आतंकी हमला 2025 के बाद पर्यटक स्थलों की स्थिति
घाटी में कुल 87 पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जिनमें से 48 को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। आतंकी हमले के बाद से कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की आमद में भारी कमी देखी गई है।
बंद किए गए प्रमुख पर्यटन स्थल
बंद किए गए पर्यटन स्थलों में शामिल हैं:
- युसमर्ग
- तौशामैदान
- दूधपथरी
- अहरबल
- कौसरनाग
- बंगस वैली
- वुलर/वाटलब
- रामपोरा और राजपोरा
- वेरिनाग गार्डन
- सिंथन टॉप
- मार्गनटॉप
- हब्बा खातून पॉइंट
- बाबारेशी
- बदेरकोटे
- श्रुंज झरना
- नामब्लान झरना
- जामिया मस्जिद
- बादामवारी
- दाचीगाम ट्राउट फार्म और अन्य स्थल
अन्य स्थलों पर बढ़ाई गई सुरक्षा
हालांकि सभी पर्यटन स्थल बंद नहीं किए गए हैं। जो स्थल खुले हैं वहां अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ स्थलों को एहतियात के तौर पर अस्थायी रूप से बंद किया गया है ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पहलगाम आतंकी हमला: सरकार और जनता की प्रतिक्रिया
पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को ऐसी सजा दी जाएगी जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते। सुरक्षा बलों ने कार्रवाई करते हुए हमले में शामिल बताए जा रहे आतंकियों आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख के घरों को ध्वस्त कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का प्रस्ताव
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने भी सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पहलगाम हमले की निंदा की है। प्रस्ताव में इस हमले को जघन्य, अमानवीय और कायरतापूर्ण करार दिया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि ऐसी घटनाएं कश्मीरियत, भारतीय संविधान और एकता व शांति की भावना पर हमला करती हैं। विधानसभा ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
पहलगाम आतंकी हमला 2025: भविष्य की रणनीति
- आतंक प्रभावित इलाकों में सुरक्षा घेरा मजबूत करना।
- सभी पर्यटन स्थलों पर चौकसी बढ़ाना।
- आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सख्त कार्रवाई।
- स्थानीय लोगों के सहयोग से खुफिया तंत्र को मजबूत करना।
पहलगाम आतंकी हमला 2025 ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार मिलकर स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। पर्यटकों और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।