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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन ने आतंकवाद पर भारत की कड़ी नीति को स्पष्ट किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए भारत के अडिग और निर्णायक रुख को दुनिया के सामने रखा। यह संबोधन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान के साथ हुए हालिया संघर्ष विराम के बाद आया, जिसमें भारत ने आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर दुनिया को अपने इरादों से अवगत कराया।

आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति

प्रधानमंत्री मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि भारत किसी भी सूरत में न्यूक्लियर ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई न केवल सीमित रहेगी बल्कि पूरी दुनिया में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने में भी कोई हिचक नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर आतंकी खतरों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकी समर्थकों को भी उसी तरह से जवाब दिया जाएगा जैसे आतंकवादियों को दिया जाता है।

बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके पर

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल दो मुद्दों पर ही संभव है — आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके)। इसके अलावा किसी और विषय पर भारत बातचीत नहीं करेगा।

उनका यह रुख भारत की विदेश नीति में नई स्पष्टता और सख्ती का परिचायक है, जो पहले भी दिखाई दी थी लेकिन इस बार और अधिक प्रत्यक्ष और सार्वजनिक रूप में व्यक्त हुई।

भाजपा नेताओं और सहयोगियों ने की पीएम मोदी के भाषण की प्रशंसा

प्रधानमंत्री के इस संबोधन को भाजपा नेताओं, एनडीए सहयोगियों और विभिन्न राजनीतिक हस्तियों से जोरदार समर्थन मिला है। उन्होंने इसे एक निर्णायक और सटीक वक्तव्य बताया है जो देश के 140 करोड़ नागरिकों की भावनाओं को आवाज देता है।

क्या बोले प्रमुख नेता?

  • भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “पीएम मोदी ने भारत की प्राथमिकताओं को साफ कर दिया है। कोई भी आक्रमण हुआ तो भारत निर्णायक जवाब देगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ, केवल स्थगित है।”
  • भाजपा राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, “प्रधानमंत्री का संबोधन 140 करोड़ देशवासियों की आवाज है। भारत अब शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।”
  • शिवसेना नेता राजू वाघमारे ने कहा, “प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और पीओके के अलावा किसी भी मुद्दे पर पाकिस्तान से बात न करने की नीति स्पष्ट की है।”
  • महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने सभी राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में एकजुट रहने की अपील की और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की।

ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक जवाब

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का प्रत्यक्ष उदाहरण है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। इस अभियान में सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान को भारी सैन्य व आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि आम नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों को।

मेक इन इंडिया की ताकत

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत के स्वदेशी रक्षा विनिर्माण यानी ‘मेक इन इंडिया’ पहल का भी उल्लेख किया। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि भारत में बनी मिसाइलों ने आतंकियों के ठिकानों को पूरी सटीकता के साथ नष्ट किया। इससे यह साबित हुआ कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन न केवल देशवासियों को बल्कि दुनिया को भी एक मजबूत और स्पष्ट संदेश देता है। भारत आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की धमकियों के बावजूद भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने के लिए तैयार है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने दिखा दिया कि अब बातों से नहीं, काम से जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के भाषण ने इस नए भारत की तस्वीर को दुनिया के सामने रखा है — जो शांति का पक्षधर है, लेकिन अपने दुश्मनों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करना भी जानता है।

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